आज मार्केटिंग का मतलब सिर्फ लोगों को ऐड दिखाना नहीं रह गया है।
मार्केटिंग करने के पुराने तरीके आज काम नहीं आते हैं। आज दुनिया आनलाइन जा रही है और लोग अपना सारा काम आनलाइन ही कर रहे हैं। ऐसे में उन्हीं पुराने तरीकों से बिजनेस की मार्केटिंग कर के ग्राहकों तक पहुंचने की कोशिश करना अपने पैसों को नाले में बहाने जैसा है।
यह किताब बताती है कि किस तरह से आप इंटरनेट से अपने बिजनेस की मार्केटिंग कर सकते हैं। यह किताब हमें अच्छी वेबसाइट बनाने से लेकर उसका कंटेंट लिखने तक की सारी जानकारी देती है। साथ ही यह किताब हमें मार्केटिंग की कुछ बेसिक बातें भी बताती है जिसे बहुत से लोग जानते हुए भी अनदेखा करते हैं।
अब से 100 साल पहले लोग ऐड करने के लिए न्यूज़पेपर, टीवी या रेडियो का इस्तेमाल करते थे। न्यूज़पेपर, टीवी या रेडियो का इस्तेमाल लगभग हर घर में किया जाता था और जब कंपनियां इनके जरिए अपना ऐड करती थीं, तो वे ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक पहुंच पाती थीं।
लेकिन आज के वक्त में यह तरीके पुराने और बेकार हो गए हैं। आज आपको हर घर में जाकर अपने प्रोडक्ट के बारे में लोगों को नही बताना है, बल्कि आपको सिर्फ उन लोगों तक पहुंचना है जिन्हें आपके प्रोडक्ट की जरूरत है। एक्साम्पल के लिए अगर आप बच्चों के डाइपर्स बेचते हैं, तो आपको हर व्यक्ति को अपने डाइपर्स के ऐड दिखाने की जरूरत नहीं है। आपको सिर्फ उन लोगों को अपना ऐड दिखाना है जिनके घर में एक छोटा बच्चा है।
लेकिन टीवी, बैनर, पोस्टर्स और न्यूज़पेपर इस तरह की सुविधाएं आपको नहीं देते हैं। अगर आज आप उनके जरिए अपना ऐड करेंगे, तो बहुत कम लोग आपके ऐड में दिलचस्पी लेंगे और उससे भी कम लोग उसे खरीदना चाहेंगे। आज आपको डाइरेक्ट रेस्पान्स मार्केटिंग की जरूरत है।
डाइरेक्ट रेस्पान्स मार्केटिंग के जरिए आप अपने ऐड सिर्फ उन लोगों को दिखा सकते हैं जिन्हें आपके प्रोडक्ट की जरूरत है और जो उने खरीदना चाहते हैं। इसकी मदद से आप अपना बहुत सारा पैसा, मेहनत और समय बचा पाएंगे क्योंकि अब आप 1 करोड़ गलत लोगों को ऐड नहीं दिखा रहे हैं, बल्कि सिर्फ उन 10,000 सही लोगों को ऐड दिखा रहे हैं जो आपके प्रोडक्ट को खरीदना चाहते हैं।
इसके अलावा बहुत से आनलाइन टूल्स की मदद से डाइरेक्ट रेस्पान्स मार्केटिंग करना बहुत आसान हो गया है। आपके वाले सबक में हम इसके बारे में जानेंगे।
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80/20 के नियम की मदद से सही ग्राहकों को पहचानिए।
80-20 Internet Lead Generation Book Summary- 80/20 के नियम के बारे में तो आप जानते ही होंगे। यह नियम कहता है कि आपकी जिन्दगी में जो आपको 80% नतीजे मिलेंगे वो आपके 20% कामों के फल होंगे। ठीक इसी तरह आपके बिजनेस में आने वाले रेवेन्यू का 80% भाग आपके 20% ग्राहकों से आएगा। आपके बचे हुए 80% ग्राहक आपको सिर्फ 20% रेवेन्यू देंगे।
सारे ग्राहक एक जैसे नहीं होते हैं। कुछ ग्राहकों को आपके प्रोडक्ट की सख्त जरूरत होगी और वे आपको बहुत पसंद करते होंगे। यही वो ग्राहक हैं जो आपके प्रोडक्ट को उत्सुकता से खरीदते हैं। यह ग्राहक आप से कभी डिस्काउंट नहीं मांगते हैं और ना ही छोटी छोटी बातों पर तमाशा करते हैं। आपको इन्हीं के जैसे और ग्राहकों की जरूरत है।
अपने पर्फेक्ट ग्राहक को पहचानने के लिए अपनी कंपनी के पिछले 2 सालों की सेल्स रिपोर्ट निकाल कर देखिए। यह पता लगाइए कि वो कौन से लोग हैं जो आपके प्रोडक्ट को बार बार खरीद रहे हैं और आपको अच्छा फीडबैक दे रहे हैं।
इसके साथ ही यह भी देखिए कि आपके कौन से प्रोडक्ट्स ज्यादा बिक रहे हैं। अपने इन्हीं खास प्रोडक्ट्स को आप अपने खास ग्राहकों को बेचने के बारे में सोचिए। साथ ही यह भी पता लगाइए कि पिछले दो सालों में कौन सा मार्केटिंग कैम्पेन सबसे ज्यादा फायदेमंद रहा। उस कैम्पेन को स्टडी कर के उसे फिर से करने की कोशिश कीजिए।
इस तरह से आप सही ग्राहकों को सही प्रोडक्ट सही तरह सो बेचकर ज्यादा मुनाफा कमा पाएंगे।
आप अपने प्रोडक्ट को अपने काम्पटीशन से अलग बनाकर आप उसे ज्यादा दाम में बेच सकते हैं। अगर आपके और आपके काम्पटीशन के प्रोडक्ट में कोई अंतर नहीं है तो आपका ग्राहक उसे चुनेगा जो सस्ता होगा। इस तरह से बहुत सी कंपनियां अपने दाम कम करती रहती हैं और लम्बे समय में फायदा नहीं कमाती हैं। आपको टाम पर नहीं बल्कि वैल्य पर प्रतियोगिता करनी चाहिए।
इसके लिए आपको अपने प्रोडक्ट को अपने काम्पटीशन से अलग बनाना होगा। अपने ग्राहकों की उन 10 समस्याओं की लिस्ट बनाइए जो आपका प्रोडक्ट सुलझाता है। इसके बाद यह पता लगाइए कि इन 10 में से वो कौन सी समस्या है जिसके बारे में आपका काम्पटीशन बात नहीं कर रहा है। यही वो चीज़ है जो आपके प्रोडक्ट को अलग बनाएगी। इसे ही यूनीक सेलिंग पाइंट कहा जाता है।
एक बार आपको आपका यूनीक सेलिंग पाइंट पता लग जाए, तो उसे हर जगह हर वक्त इस्तेमाल करना शुरू कीजिए। बहुत सी कंपनियां कुछ समय तक एक यूनीक सेलिंग पाइंट का इस्तेमाल करती हैं और उसके बाद वे उससे ऊब जाती हैं। इसके बाद वे दूसरे यूनीक सेलिंग पाइंट का इस्तेमाल करने लगती हैं। लेकिन अगर आपका यूनीक सेलिंग पाइंट इस वक्त काम कर रहा है, तो आपको उसे इस्तेमाल करते रहना है, भले वो आपको पुराना लगे तो क्या। अगर आप उसे बदलते रहेंगे, तो लोग आप से प्रोडक्ट नहीं खरीदेंगे।
इसके बाद हो सके तो लोगों में अपनी एक इमेज बनाने की कोशिश कीजिए। कुछ खास मुद्दों पर बात करना शुरू कीजिए। वो बातें बोलिए जिनसे आप सहमत हैं। आप अपने विचारों को लोगों के सामने रखिए। इससे आप उन लोगों को आकर्षित करेंगे जो आपकी तरह सोचते होंगे और उन लोगों को खुद से दूर भगाएंगे जो आपकी तरह नहीं सोचते होंगे।
एक पर्सनैलिटी बनाने से आप अपनी तरह के लोगों को आकर्षित करते हैं। यह लोग आपको पसंद करने लगते हैं और आपके प्रोडक्ट को महंगे दाम पर भी खरीदते हैं।
इसके अलावा आप यह भी दिखा सकते हैं कि आपका प्रोडक्ट बहुत कम मात्रा में मौजूद है। जब कोई चीज़ कम होती है, तो लोग उसे पाना चाहते हैं और उसके लिए ज्यादा पैसे देना चाहते हैं। अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी को बढ़ाइए और उसे सिर्फ कुछ लोगों को बेचने के बारे में सोचिए।
इस तरह से अपने प्रोडक्ट की खास बात खोजकर, अपनी एक पर्सनैलिटी बना कर और अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी सुधार उसे कम लोगों को बेचने की स्ट्रैटेजी अपना कर आप अपने प्रोडक्ट के दाम बढ़ा सकते हैं और खुद को प्रतियोगिता से अलग कर सकते हैं।
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अपनी वेबसाइट को बेहतर बनाने के लिए आपको SEO पर ध्यान देना होगा।
80-20 Internet Lead Generation Book Summary- बहुत से बिजनेस अपनी वेबसाइट को बेहतर बनाने पर ध्यान नहीं देते हैं। उनकी वेबसाइट पर आने के बाद ग्राहक को यह पता नहीं लगता कि वे उनके लिए क्या कर सकते हैं। उनकी वेबसाइट के दूसरे पेज उनके होमपेज से अच्छे से कनेक्टेड नहीं रहते हैं, जिस वजह से गूगल उन पेजों को सर्च रिजल्ट में दिखाता ही नहीं है। इन समस्याओं से बचने के लिए आपको कुछ खास बातों का ध्यान देना होगा।
आपकी वेबसाइट का सबसे जरूरी पेज होता है आपका होमपेज। इस पेज से आपकी वेबसाइट के बाकी सारे दूसरे जरूरी पेज जुड़े होने चाहिए। साथ ही इस पेज पर यह साफ साफ लिखा होना चाहिए कि आप उनके लिए क्या कर सकते हैं।
अपने होमपेज पर कंटेंट कैटेगरी पेज रखिए। यहाँ पर आप हर उस चीज़ के बारे में लिखिए जो आप उनके लिए कर सकते हैं और साथ ही उन्हें कुछ जानकारी भी दीजिए।
साथ ही सारे जरूरी पेजों को अपने होमपेज से लिंक कर के रखिए। अगर आपकी वेबसाइट के किसी पेज तक पहुंचने के लिए यूज़र को दो बार से ज्यादा क्लिक करना होगा, तो वह पेज गूगल के सर्च रिजल्ट में नहीं दिखेगा। ऐसे में ना के बराबर लोग उस पेज तक जाएंगे और उसके होने या ना होने से किसी को फर्क नहीं पड़ेगा।
इसके साथ ही आपको अपनी वेबसाइट को SEO-फ्रेंडली बनाना होगा। जब यूजर्स अपनी किसी समस्या को गूगल पर सर्च करते हैं, तो वे कुछ खास तरह के कीवर्ड्स का इस्तेमाल करते हैं। आपको अपनी वेबसाइट पर उन कीवर्ड्स का इस्तेमाल करना होगा जिनकी मदद से आपका ग्राहक आपके प्रोडक्ट को आनलाइन खोजेगा।
आपको जरूरी कीवर्ड्स को सही जगहों पर डालना होगा।
एक्साम्पल के लिए मेटा-डेस्क्रिप्शन टैग को ले लीजिए। यह वो लाइन होती है जो गूगल सर्च रिजल्ट के लिंक्स के ठीक नीचे दिखाई देती है। यह आपके बिजनेस के बारे में लोगों को जानकारी देती है। मेटाडेस्क्रिप्शन टैग में एक प्राइमरी कीवर्ड लिखिए जो कि बाकी कीवर्ड्स से ज्यादा जरूरी हो। इसकी मदद से आप अपनी रैंकिंग को बढ़ा सकते हैं। इसी प्राइमरी कीवर्ड का इस्तेमाल अपने कंटेंट और अपने होमपेज पर बार बार कीजिए। उसे अपने हेडर्स, अपने इमेज, कैप्शन और लिंक्ड टेक्स्ट में भी लिखिए।
यह मत सोचिए कि सिर्फ ज्यादा से ज्यादा बार प्राइमरी कीवर्ड का इस्तेमाल कर लेने से आपकी रैंकिंग बढ़ जाएगी। प्राइमरी कीवर्ड को सिर्फ उन जगहों पर इस्तेमाल कीजिए जहाँ उनकी जरूरत पड़े।
गूगल पे-पर-क्लिक ऐड्स की मदद से आप ग्राहकों तक आसानी से पहुंच सकते हैं। बहुत से लोग गलत कीवर्ड्स का इस्तेमाल कर के पेपर-क्लिक ऐड्स करते हैं। वे उन कीवर्ड्स का इस्तेमाल करते हैं जो बहुत पापुलर होते हैं, ना कि उनका जो उनके प्रोडक्ट के लिए सही होते हैं। पापुलर कीवर्ड्स का इस्तेमाल कर के आप ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक तो पहुंच जाएंगे, लेकिन वो ग्राहक आपका प्रोडक्ट नहीं खरीदेंगे क्योंकि उनमें से ज्यादा लोगों को आपके प्रोडक्ट की जरूरत नहीं होगी।
इसलिए आपको हर कैम्पेन के लिए एक अलग कीवर्ड का इस्तेमाल करना होगा। जब यूज़र इन कीवर्ड से बनाए ऐड्स पर क्लिक करे तो वो एक खास लैंडिंग पेज पर आना चाहिए। इस लैंडिंग पेज को साफ-सुथरा रखिए और ध्यान भटकाने वाली चीजों को इससे दूर रखिए, ताकि जो लोग इसपर आएं वे ज्यादा से ज्यादा समय तक इसपर रुके रहें।
बहुत से ऐसे टूल्स हैं जिनकी मदद से आप थोड़े समय में ही एक शानदार लैंडिंग पेज तैयार कर सकते हैं। एक्साम्पल के लिए वर्डप्रेस, मीडियम और टंब्लर को ले लीजिए। इनकी मदद से जब आप एक लैंडिंग पेज तैयार करेंगे, तो आपको बार बार अपन लोगो या इमेज लगाने की जरूरत नहीं होगी। यह प्लैटफार्म पहले से ही आपके लिए यह काम कर देते हैं। HTML के मुकाबले यह प्लैटफार्म बहुत ज्यादा सुविधाएं देती हैं।
एक बार जब आपका पेज बन जाए और उसपर लोग आने लगें, तो आपको कुछ खास डाटा पर ध्यान देना होगा। यह देखिए कि आपके पेज पर कितने लोग आ रहे हैं और उनमें से कितने लोग आपके प्रोडक्ट को खरीद रहे हैं। इसके लिए आप गूगल एनालिटिक्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपको यह पता लग जाएगा कि आपके पेज पर कितना ट्रैफिक कहाँ से आ रहा है।
एक कामयाब मार्केटिंग कैम्पेन वो होता है जो कम से कम 20% विज़िटर्स को क्लाइंट में बदल दे। इस तरह के कैम्पेन पर खास ध्यान दीजिए। एक बार आपको यह कैम्पेन मिल जाए, तो आप यह देखिए कि उसमें आपने क्या काम बेहतर तरह से किया है। इससे आप भविष्य में और भी कामयाब कैम्पेन बना पाएंगे।
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अच्छे कंटेंट की मदद से आप अपने ग्राहकों को आकर्षित कर सकते हैं।
80-20 Internet Lead Generation Book Summary- अच्छा कंटेंट होने से आपकी वेबसाइट गूगल पर सबसे ऊपर रैंक करती है। गूगल एक कीवर्ड से संबंधित सबसे अच्छे कंटेंट को हर वक्त अपने स्पाइडर्स के जरिए खोजता रहता है। स्पाइडर्स उसके कुछ बोट्स होते हैं जो पूरे इंटरनेट पर रेंग कर अच्छे कंटेंट की तलाश करते हैं। जब उन्हें किसी वेबपेज पर वो कंटेंट मिल जाता है तो वे उस पेज उसकी रैंकिंग बढ़ा देते हैं।
आसान शब्दों में अपनी वेबसाइट की रैंकिंग बढ़ाने के लिए आपको अपने कंटेंट में उन कीवर्ड्स का इस्तेमाल करना होगा जिसकी तलाश यह स्पाइडर्स कर रहे हैं। अगर आपका कंटेंट अच्छा है और वो लोगों को पसंद आ रहा है, तो आपकी वेबसाइट पर ज्यादा विज़िटर्स आ सकते हैं।
हो सके तो अपनी वेबसाइट के जरिए लोगों को फ्री रिपोर्ट दीजिए। उन्हें ऐसे ईबुक्स दीजिए जिसे पढ़कर वे अपनी समस्याओं को सुलझा सकें। अगर उन्हें आपका कंटेंट अच्छा लगेगा, तो वे उसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करेंगे और उनके दोस्त उसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करेंगे। इसलिए अपनी वेबसाइट पर हमेशा एक शेयर और कमेन्ट का बटन भी दीजिए, ताकि लोग यह काम आसानी से कर सकें।
साथ ही अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल का लिंक भी अपनी वेबसाइट पर दीजिए ताकि लोग उसे आसानी से शेयर कर सकें।
अगर आपकी वेबसाइट का बाउंस रेट बहुत ज्यादा है, तो लोग इसका मतलब लोगों को आपका कंटेंट पसंद नहीं आ रहा है। जब कोई विज़िटर आपके होमपेज पर आता है और वो बिना किसी दूसरे लिंक पर क्लिक किए वापस चला जाता है, तो हम कहते हैं कि वो विज़िटर बाउंस कर गया। ज्यादा बाउंस रेट का मतलब लोग आपकी वेबसाइट पर आ तो रहे हैं, लेकिन वो बिना कुछ किए वापस चले जा रहे हैं। यह दिखाता है कि आपकी वेबसाइट का कंटेंट अच्छा नहीं है।
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