All Marketers Are Liars Book Summary in Hindi
मार्केटिंग का मतलब लोगों को अच्छी कहानी सुनाना है।
मार्केटिंग करने के लिए हर रोज कोई ना कोई नया तरीका मार्केट में हाजिर रहता है। लोगों का मानना है कि कुछ आसान से नुस्खे लगा कर वे अपने प्रोडक्ट को बेच सकते हैं। उनके नुस्खे बहुत अच्छा काम करते हैं, लेकिन सिर्फ कुछ समय के लिए। इसके बाद वे लोग दूसरा नुस्खा खोजने लगते हैं और दूसरे तरीकों से अपने प्रोडक्ट को बेचने की कोशिश करने लगते हैं।
अगर आपको लम्बे समय में अपनी कंपनी को कामयाब रखना है, तो आपको वो तरीके अपनाने होंगे जो एक हफ्ते के बाद बेकार ना हो जाएं। यह किताब हमें मार्केटिंग करने के उस तरीके के बारे में बताती है जिसका इस्तेमाल हम तब से करते आ रहे हैं जब से हमने समाज बनाना शुरू किया था- कहानियाँ। यह किताब बताती है कि कहानियों का इस्तेमाल कर के किस तरह से आप एक खास तरह के ग्राहकों को अपनी तरफ आकर्षित कर सकते हैं और लम्बे समय में अपनी कंपनी को कामयाब रख सकते हैं।
कहानियाँ मार्केटिंग की सबसे जरूरी कड़ी होती हैं। अगर आप अपने प्रोडक्ट से संबंधित एक अच्छी कहानी बना सकें, तो शायद आपको कुछ और करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लोग एक दूसरे को कहानियाँ सुनाना पसंद करते हैं और इस वजह से कहानियाँ हजारों सालों तक जिन्दा रहती हैं।
एक्साम्पल के लिए जार्ज रीडेल को ले लीजिए जो कि 10वीं शताब्दी में ग्लास बनाया करते थे। उनका कहना था कि हर शराब का हर गिलास कुछ कहता है । तो जब लोग रीडेल के ग्लास में शराब पीते थे, तो उन्हें उसका एक अलग ही स्वाद मिलता था।
हैरानी की बात यह है कि उसके ग्लास और दूसरे ग्लास में कोई भी अंतर नहीं था। लेकिन आज भी जो लोग उसके ग्लास में शराब पीते हैं, वो बोलते हैं कि उसमें शराब का स्वाद अच्छा आता है। एक अच्छी मार्केटिंग की यही ताकत होती है। वो आपको यकीन दिला देती है कि एक साधारण से सामान को इस्तेमाल करने से आपको असाधारण मजा मिल सकता है।
बहुत से लोग ब्रैंड को देखकर सामान खरीदते हैं। लोग उसी कॉफ़ी के लिए एक आम दुकान पर ५० रूपये देते हैं, जबकि स्टारबक्स पर वे कॉफ़ी के लिए ५०० रूपये देते हैं। एक आम जूते के लिए लोग ₹1,000 देते हैं। लेकिन अगर उसी जूते पर नाइकी का लोगो लगा हो, तो वे उसके लिए ₹10,000 देने के लिए तैयार हो जाते हैं।
क्या ₹10,000 के जूते ₹1,000 के जूते से ज्यादा मजबूत होते हैं? यह तो हम नहीं कह सकते। लेकिन उसे पहनने वाले लोगों को यह लगता है वो जूता उनके स्टेटस को बढ़ा रहा है। समय तो लोग ₹100 की घड़ी में भी देख लेते हैं, लेकिन ₹10,00,000 की रोलेक्स पहनने से लोगों को लगता है कि वे अब एक आम इंसान नहीं रह गए हैं। वे ₹10,00,000 समय देखने के लिए नहीं, बल्कि “अब-हम-खास-होगए-हैं” वाला एहसास पाने के लिए खर्च करते हैं।
इस तरह से एक अच्छी कहानी लोगों को उसी प्रोडक्ट के लिए ज्यादा पैसे देने के लिए मजबूर कर देती है।
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खास तरह के लोगों को चुनिए और उन्हें एक खास तरह की कहानी सुनाइए।
हम में से हर कोई अलग होता है। हालांकि हम सभी को अंत में एक ही जैसी चीजें चाहिए होती हैं, जैसे पैसा, खुशी, अच्छा परिवार और शोहरत। लेकिन लोगों की पसंद नापसंद को समझना इतना भी आसान नहीं है।
एक्साम्पल के लिए जो स्टूडेंट स्कूल जाता है और वहाँ पर बहुत अच्छे दोस्त बनाता है और अच्छे मार्क्स लाता है, वो स्कूल को अपनी जिन्दगी का सबसे खुशहाल समय बताएगा। लेकिन जो स्टूडेंट स्कूल में जाकर ना तो अच्छे दोस्त बना पाता है और ना ही अच्छे मार्क्स पाता है, उसे स्कूल से नफरत हो जाएगी। दोनों ही बच्चे एक ही स्कूल में गए, लेकिन वो स्कूल को अलग अलग नजरिए से देखते हैं।
इसी तरह से हम सभी दुनिया को अलग अलग नजरिए से देखते हैं। जो चीज़ एक व्यक्ति को पसंद आ सकती है, वो दूसरे को भी पसंद आएगी ये ज़रूरी नहीं है। हमारा नजरिया हमारे परिवार, हमारे बचपन, हमारे अनुभव और हमारे वातावरण के हिसाब से बनता है और इस वजह से अलग अलग लोगों को अलग अलग चीजें पसंद आती हैं। इसी वजह से वे लोग कुछ कहानियों पर यकीन करते हैं तो कुछ पर नहीं करते।
अब सवाल यह उठता है कि अगर हर व्यक्ति को अलग कहानियाँ पसंद आती हैं, तो आप ऐसी कहानी कैसे बनाएंगे जो सबको पसंद आए?
जवाब आसान है – आप ऐसी कहानी ना बना सकते हैं और ना ही आपको बनाने की कोशिश करनी चाहिए। सभी को खुश करने की कोशिश में आप किसी को भी खुश नहीं कर पाएंगे। आप कुछ ऐसे लोगों के लिए अपनी कहानी बनाइए जो दुनिया को एक खास नजर से देखते हों। यही लोग आपके ग्राहक बनेंगे।
एक्साम्पल के लिए एक महिला जो अभी अभी माँ बनी है, वो एक ऐसा प्रोडक्ट खरीदना चाहती है जो उसके बच्चे को सेहतमंद रख सकें। अगर आप यह बताएंगे कि किस तरह से आप प्रोडक्ट उसके बच्चे को वो पोषण दे सकता है जिसकी उसे जरूरत है, तो वो उसपर जरूर यकीन करना चाहेगी।
ठीक उसी तरह से मोटे लोगों को अगर आप यह कहानी सुनाएंगे कि आपके प्रोडक्ट के इस्तेमाल से किसी ने अपना 20 कीलो वजन 2 महीने में कम कर लिया, तो वो इसपर यकीन करना चाहेगा। लेकिन अगर उस व्यक्ति ने आपके जैसे बहुत से प्रोडक्ट पहले से इस्तेमाल करके देखे हैं, तो वो इस कहानी पर यकीन नहीं करेगा। ऐसे में आपको उसे दूसरी कहानी सुनानी होगी।
इस तरह से आप एक जैसा सोचने वाले लोगों को ध्यान में रखकर एक कहानी बना सकते हैं।
अपने ग्राहक के एटीट्यु को समझिए और उसके हिसाब से एक कहानी बनाइए।
एटीट्यु की खास बात यह है कि वो बदल सकता है। अगर किसी वजह से अपके ग्राहकों का एटीट्यु बदल जाता है, तो अपको वो कहानी भी बदलनी होगी जिसका इस्तेमाल कर के आप उन्हें अपना प्रोडक्ट बेच रहे हैं।
एक्साम्पल के लिए अमेरिका में कुछ साल पहले डाक्टर एट्किन्स डाइट फेमस हो गया था। डाक्टर एट्किन्स डाइट एक ऐसा डाइट था जिसमें आप कार्बोहाइड्रेट को अपने खाने से कम कर देते हैं, जिस वजह से आपका वजन कम होने लगता है। लोग इस डाइट को अपनाने लगे थे। ऐसे में उन्होंने मीठी चीजें, जैसे ट्विंकीज़, टाफी और ब्रेड अपने बच्चों को खिलाना बंद कर दिया था। ऐसे हालात में इंटरस्टेट बेकरीज़ नाम की एक बड़ी कंपनी बैंकरप्ट हो गई जो कि ट्विंकीज़ और वंडर ब्रेड बनाया करती थी।
इस मौके का फायदा जरनल मिल्स ने उठाया और उसने लोगों को नई कहानी सुनाना शुरू कर दिया। उसने अपने सारे प्रोडक्ट्स को “100% व्होल ग्रेन” से बना हुआ बता कर बेचना शुरू किया। उसने कहा कि उसके अनाज से बने प्रोडक्ट सेहतमंद हैं और उनमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत कम है।
अपने ग्राहकों की मानसिकता को समझते हुए प्रोडक्ट डिजाइन करना शुरू कीजिए। अगर आप एक नया प्रोडक्ट मार्केट में लाँच कर रहे हैं और उसके जैसे बहुत से प्रोडक्ट मार्केट में पहले से मौजूद हैं, तो उसे बेचने के लिए आपको लोगों को एक अलग तरह की कहानी सुनानी होगी।
एक्साम्पल के लिए मान लीजिए आप वजन कम करने के लिए एक प्रोग्राम निकाल रहे हैं। मार्केट में इस तरह के बहुत से प्रोग्राम और प्रोडक्ट पहले से मौजूद हैं। साथ ही बहुत से लोग हैं जिन्होंने उसे इस्तेमाल किया है और उन्हें इसका कोई नतीजा देखने को नहीं मिला है। ऐसे में आपको अपना प्रोडक्ट बेचने के लिए किसी नई साइंटिफिक खोज का इस्तेमाल करना होगा।
इसे बेचने के लिए किसी ऐसी साइंटिफिक खोज का इस्तेमाल कीजिए जो यह साबित कर दे कि बाकी दूसरे लोगों के प्रोडक्ट गलत तरह से काम करते थे और इस वजह से उन्हें इस्तेमाल करने का कोई फायदा नहीं होता था। लेकिन आपके प्रोडक्ट में एक नया जादूई फार्मुला है और इस वजह से आपका प्रोडक्ट उनकी समस्या को खत्म कर सकता है।
लोग सिर्फ नई जानकारी पर ध्यान देते हैं और उसका मतलब निकालने के लिए पुरानी जानकारी का इस्तेमाल करते हैं।
आप अपनी दीवारों पर लगे पेंट पर शायद कभी ध्यान नहीं देते होंगे। लेकिन अगर एक दिन आप अपना घर किसी नए रंग से पेंट कर दें, तो आपका ध्यान उस पर जरूर जाएगा।
ठीक इसी तरह से जब आप अपने घर में आते हैं और हर दिन के सामान देखते हैं, तो आप उसपर कुछ खास ध्यान नहीं देते हैं। लेकिन अगर एक दिन घर की कोई चीज़ गायब हो जाए या उसकी जगह बदल दी जाए, तो आपका ध्यान उसपर तुरंत चला जाता है। हम लोगों की आँखों के रंग पर कभी ध्यान नहीं देते, लेकिन एक दिन अगर वे लेंस लगा लें, तो हम तुरंत पहचान जाते हैं कि उसमें कुछ बदला बदला सा लग रहा है।
एक बार जब हम कोई बदलाव देखते हैं, तो हम तुरंत यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि वो बदलाव क्यों हुआ होगा। अगर हम कहीं से उसके पीछे की वजह पता लगा सकते हैं, तो हम पता लगाने की कोशिश करते हैं। लेकिन अगर हम उसे पता नहीं लगा सकते, तो हम खुद से ही कहानियाँ बनाने लगते हैं।
घर में आते ही दीवारों का रंग बदला हुआ देखकर हम तुरंत यह सोच लेते हैं कि दीवाली आने वाली है और इसलिए घर पेंट हुआ होगा। किसी सामान की जगह बदली हुई देखने पर हम तुरंत यह अंदाजा लगा लेते हैं कि घर में जगह बनाने के लिए या नई चीजों को सही जगह पर रखने के लिए पुरानी चीजों को उनकी जगह से हटाया गया होगा।
कहानियों की मदद से ही हम अपने आस पास की दुनिया को समझने की कोशिश करते हैं। लोगों का ध्यान खींचने के लिए। आपको उन्हें नई कहानी सुनानी होगी। यह नई कहानी कुछ ऐसी होनी चाहिए जो उनके दिमाग में बसी पुरानी जानकारी से मिलती जुलती हो।
. लोगों का भरोसा जीतने के लिए आपको उन्हें एक सच्ची कहानी सुनानी होगी।
मान लीजिए कि आप अपने मार्केटिंग मैसेज में यह दावा करते हैं कि आपका प्रोडक्ट लोगों एक ऐसा अनुभव देगा जिससे वे खुद को दूसरों से अलग महसूस करेंगे। आप अपने मार्केटिंग मैसेज में यह बताते हैं कि आपका प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से लोग यह महसूस करेंगे कि वे खास हैं। लेकिन जब ग्राहक किसी समस्या के लेकर आपके कस्टमर केयर से बात करता है, तो आपके कर्मचारी उनसे अच्छे से बात नहीं करते हैं और उनकी समस्या सुलझाने की कोशिश भी नहीं करते हैं। ऐसे में आप लोगों को कहानियाँ तो सुना रहे हैं कि आप उन्हें खास महसूस कराएंगे, लेकिन असल में ऐसा हो नहीं रहा.
अगर आप अपने ग्राहकों का भरोसा जीतना चाहते हैं, तो आपको अपने बिजनेस के हर पहलू को ऐसा बनाना होगा कि ग्राहक को ऐसा लगे कि आप सच में वही हैं जो आप बोल रहे हैं। एक ग्राहक आपके बिजनेस के किसी भी भाग से कान्टैक्ट कर सकता है और वो भाग उसके ऊपर आपके बिजनेस की एक छाप छोड़ देगा। यह छाप अगर अच्छी हुई, तो आपका ग्राहक आपके प्रोडक्ट को अच्छी नजर से देखेगा। लेकिन अगर यह छाप खराब हुई, तो आपके बिजनेस को लेकर उसका नजरिया खराब होगा।
यह जरूरी नहीं है कि आपका ग्राहक पहली बार जब आपके बिजनेस से कान्टैक्ट करे, तभी उसके दिमाग में आपके बिजनेस की छाप पड़ जाए। छाप तब पड़ेगी जब आपका ग्राहक पहली बार आपके प्रोडक्ट को खरीदने या इस्तेमाल करने की कोशिश करेगा।
एक्साम्पल के लिए जब आपका ग्राहक आपके प्रोडक्ट का ऐड कहीं पर देखता है, तो शायद वो आपके बारे में कुछ भी नहीं सोचेगा। लेकिन जब वो आनलाइन जाकर आपके प्रोडक्ट को खरीदने की कोशिश करेगा, फिर डिलिवरी का इंतजार करेगा और फिर जाकर पहली बार प्रोडक्ट को इस्तेमाल करेगा, तो उसके दिमाग में आपके बिजनेस की छाप पड़ेगी।
अगर प्रोडक्ट को आर्डर करना आसान था, लेकिन वो उसके घर पर 1 महीने के बाद डिलिवर हुआ, तो वो यह सोचेगा कि आपके बिजनेस में धीरे काम होता है। अगर आपका प्रोडक्ट इस्तेमाल करने में आसान हुआ, लेकिन जब उसमें कुछ खराबी आ गई, तो कस्टमर केयर ने उसकी परेशानी नहीं सुलझाई, तो उसे यह यकीन हो जाएगा कि प्रोडक्ट बेच देने के बाद आप ग्राहकों से कोई मतलब नहीं रखते।
इसलिए आपको अपने बिजनेस के हर पहलू पर काम करके उसे अपनी कहानी से जोड़ना होगा, ताकि ग्राहक को यह लगे कि आप सच्चे इंसान हैं और जो बोलते हैं वो करते हैं।
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कभी भी झूठी कहानियाँ सुना कर अपने प्रोडक्ट को बेचने की कोशिश मत कीजिए।
आपको पहले पहले बताई गई जार्ज रीडेल की कहानी याद है? वो इंसान जो शराब की ग्लास बनाता था और बोलता था कि उसमें शराब पीने से उसका स्वाद अच्छा लगता है? रीडेल असल में झूठ बोल रहा था, क्योंकि उसके ग्लास में ऐसी कोई भी खास बात नहीं थी। लेकिन उसके झूठ से किसी को नुकसान नहीं हुआ। आज भी लोग जब उसकी बनाई गई ग्लास में शराब पीते हैं, तो उन्हें उसका स्वाद सच में अच्छा लगता है। लोग उसकी बात पर यकीन करते हैं और यही यकीन उसकी कहानी को सच में बदल देता है।
इस तरह के झूठ को फिब्स (Fibs) कहा जाता है। नाइक, एप्पल और स्टारबक्स इन्हीं का सहारा लेकर अपने प्रोडक्ट को महंगे दाम में बेचते हैं। उनके प्रोडक्ट में ऐसा कुछ खास नहीं है जो हमें किसी दूसरे के प्रोडक्ट में ना मिले। लेकिन जब लोग उनके प्रोडक्ट को इस्तेमाल करते हैं, तो उन्हें यह लगने लगता है कि वे खास हैं। उनके प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से समाज में उनका स्टेटस सच में बढ़ जाता है।
मार्केटिंग में इस तरह के झूठ बोलना एक बार के लिए ठीक है, क्योंकि इससे अगर ग्राहकों को कोई फायदा नहीं होगा तो उन्हें कुछ नुकसान भी नहीं होगा। लेकिन समस्या तब होती है जब कंपनियां वो झूठ बोलती हैं जिससे उनके ग्राहकों को नुकसान होता है।
नेस्ले (Nestle) ने कुछ दशक पहले इस तरह का काम किया था। उन्होंने कहा कि बच्चे को बोतल का दूध पिलाना माँ के दूध से ज्यादा फायदेमंद है। UNICEF की मानें तो इस बात को सच मान लेने से लाखों बच्चों की मौत हुई। इस तरह से मार्केटिंग करके अपना प्रोडक्ट बेचने से लम्बे समय में आप अपनी इज्जत खो देंगे। इससे आपकी मार्केटिंग को करोड़ों डॉलर का नुकसान होगा।
आपकी कहानियों और प्रोडक्ट्स से लोगों को फायदा होना चाहिए, नुकसान नहीं।
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कुल मिलाकर
कहानियाँ सुनाना अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करने का सबसे अच्छा तरीका है। अपने ग्राहकों के नजरिए को समझकर उन्हें वो कहानियाँ सुनाइए जिसपर वे यकीन करना चाहते हैं। अगर आपके ग्राहकों का नजरिया बदल रहा है, तो उसके हिसाब से अपनी कहानी को भी बदलिए। हमेशा सच्चे बने रहिए और कभी अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए वो वादे मत कीजिए जिसे आप पूरा नहीं कर सकते। मार्केटिंग करने के लिए फिब्स का इस्तेमाल करना एक बार के लिए ठीक है, लेकिन ग्राहकों से झूठ बोलकर उन्हें अपना प्रोडक्ट बेचना बिल्कुल भी सही नहीं है। इससे आपके बैंड इमेज को वो नुकसान हो सकता है जिसकी भरपाई कर पाना लगभग नामुमकिन होगा।
एक छोटी आडियंस के लिए अपनी कहानी तैयार कीजिए।
हर किसी को खुश करने की कोशिश मत कीजिए। जब आप अपनी कहानी को एक खास तरह के लोगों दिमाग में रखकर बनाते हैं, तो आप की कहानी ज्यादा प्रभावशाली होती हैं।