यह किताब “Better and Faster” आपको क्यों पढ़नी चाहिए
क्या आप भी इस बात से परेशान हैं कि कालेज में आपको जो कुछ सिखाया गया था, उसकी मार्केट में अब माँग नहीं रही? क्या आप भी इस बात से डर रहे हैं कि कहीं आप इस वक्त में पीछे ना रह जाएं? अगर हाँ तो यह किताब नए आइडियाज़ को खोजने और उन्हें लागू करने में आपकी मदद कर सकती है।
इस किताब की मदद से आप खुद को अपने घोसले से बाहर निकाल कर नई आदतों के आसमान में उड़ना सीख सकते हैं। यह किताब हमें उन 6 तरीकों के बारे में बताती है जिनकी मदद से हम एक नए आइडिया को खोजकर उसे लागू कर सकते हैं। साथ ही यह किताब हमें बताती है कि किस तरह से आप अपनी इंडस्ट्री को पहचान कर उसके हिसाब से एक अलग और बेहतर प्रोडक्ट बना सकते हैं।
-किस तरह से आप एक नया आइडिया पैदा कर सकते हैं।
-बिजनेस में भविष्य का अनुमान लगा पाना क्यों जरूरी है।
-वो कौन से तरीके हैं जिन्हें अपना कर एक कंपनी कामयाब बन सकती है।
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कामयाब होने के लिए प्रेजेंट में जीना बहुत जरूरी होता है।
ज्यादातर लोगों को लगता है कि कामयाबी हासिल करने के लिए जिन खूबियों की जरूरत होती है, उनमें वे सारी खूबियाँ हैं। हालाँकि खुद पर भरोसा करना अच्छी बात है, लेकिन कभी कभी इस तरह से भरोसा करना हमारे लिए कुछ समस्याओं को पैदा कर देता है जो हमारे नाकाम होने की वजह बनती है। आइए कुछ तरह की समस्याओं को जानें।
सबसे पहली समस्या होती है काम्प्लेकेंसी। इसका मतलब होता है अपनी पिछली कामयाबी को याद कर कर के खुद को शाबाशी देते रहना।
इसका एक अच्छा एक्ज़ाम्पल है – टैक्सी इंडस्ट्री। जब तक ऊबर नहीं आया था, उस वक्त तक टैक्सी इंडस्ट्री बहुत ज्यादा चला करती थी। लोग खुद की टैक्सी लेकर सड़कों पर निकल लेते थे और शाम तक अच्छा पैसा कमा कर लौटते थे। लेकिन ऊबर के आ जाने के बाद, लोगों ने आनलाइन टैक्सी बुक करना शुरू कर दिया और लोग ज्यादातर उसे इस्तेमाल कर के अपना समय बचाने लगे। वे टैक्सी को नहीं खोजते, बल्कि अब टैक्सी खुद उन्हें खोजते हुए उनके घर पर आने लगी। लेकिन टैक्सी इंडस्ट्री अब भी पुराने तरीके पर काम कर रही थी, जिसकी कीमत उसे चुकानी पड़ी।
दूसरी समस्या तब पैदा होती है जब आप आगे चलकर वही काम करने लगते हैं जिससे बीते वक्त में आपको कामयाबी मिली थी। समय के साथ काम करने के तरीके ना बदलना और उसी काम को बार बार करते रहना हमारे लिए नुकसान की वजह बनती है।
एक्ज़ाम्पल के लिए आप ज़ेराक्स इंकॉर्पोरेशन को ले लीजिए। ज़ेराक्स अपने समय की सबसे बड़ी ज़ेराक्स मशीन बनाने वाली कंपनी थी। लेकिन समय के साथ ज़माना डिजिटल होता जा रहा था और ज़ेराक्स अभी इस बात को समझ नहीं पाया था।
तीसरी समस्या है प्रोटेक्टिवनेस, जिसका मतलब होता है खुद को बदलने से रोकना और यह सोचना कि हालात हमेशा ऐसे ही रहेंगे।
इसका एक्ज़ाम्पल है कोडक कैमेरा। जमाना बहुत तेजी से रील वाले कैमरे से भागते हुए डिजिटल कैमरे की तरफ आ रहा था लेकिन कोडक नई टेक्नोलॉजी में इंवेस्ट करने की बजाय अपने पुराने कैमरे को मार्केट में ले आ रहा था, जिसकी नतीजा यह हुआ कि 2012 में वो कंपनी बैंकरप्ट हो गई।
अपनी भूख को कभी मिटने मत दीजिए और जितना हो सके नया सीखने की कोशिश कीजिए।
जैसा कि हमने देखा कि हम अक्सर अब के वक्त को देखना छोड़कर पुरानी चीजों को पकड़े रहते हैं जिसकी हमें भारी कीमत चुकानी पड़ती है। लेकिन हम इन्हें बड़ी आसानी से भगा भी सकते हैं। आइए देखें कैसे।
सबसे पहले तो आप अपने अंदर कभी न खत्म होने वाली भूख को पैदा कीजिए, ताकि आप हर वक्त बाहर निकल कर कुछ अलग अलग तरह के मौके को खोजते रहें, जिससे की आपकी भूख मिट सके।
इसका अच्छा एक्जाम्पल अमेजॉन और नेटफ्लिक्स हैं। यह दोनों कंपनियाँ समय समय पर अलग अलग तरह की सुविधाएं अपने ग्राहकों के लिए लेकर आते हैं। अमेजॉन सिर्फ सामान बेचने को छोड़कर अब म्यूजिक, मूवीस भी बेचता है। साथ ही उसने आडिबल के साथ किताबों को पढ़ने का एक और आरामदायक तरीका निकाल दिया। हर साल के बदलते माहौल में यह खुद को ढाल ले रहा है।
इसके बाद आप हर बार बाहर निकल कर यह जानने की कोशिश कीजिए कि इस समय मार्केट में क्या नया चल रहा है। आप यह पता करने की कोशिश कीजिए कि आपके ग्राहकों को इस समय क्या पसंद आ रहा है, ताकि आप एक काम को बार बार एक तरीके से ना कर के अलग अलग तरीके से करें। इस तरह से आप समय के साथ अपने काम करने के तरीके को भी आगे लेकर चल सकते हैं। इससे आपको अपने दिमाग के नए हिस्सों को इस्तेमाल करने का मौका मिल सकता है और आपको अपनी कुछ खास खूबियों के बारे में पता लग सकता है।
इसके बाद आप अपनी पुरानी पर्सनैलिटी को बरबाद करने के लिए हमेशा तैयार रहिए। इसका मतलब है किसी भी चीज़ के साथ चिपक कर मत बैठिए। खुद को समय के साथ बदलते रहिए।
मार्केट के ट्रेंड को पहचान कर मिलाना या बाँटना सीखिए।
यहाँ से हम उन 6 तरीके की बात करेंगे जिनका इस्तेमाल कर के आप प्रतियोगिता को खत्म कर के अपना एक अलग ब्रांड बना सकते हैं। इस सबक में हम पहले दो के बारे में बात करेंगे, जिनका नाम है – मिलाना और बाँटना।
मिलाने का मतलब है कि मार्केट में हो रही उथल-पुथल का फायदा उठा कर या ग्राहकों की चल रही पसंद का फायदा उठा कर कुछ ऐसा बनाना जिससे कि आप उनके दिमाग पर छा सकें और खुद को प्रतियोगिता से अलग कर सकें। आप चाहें तो अलग अलग तरह के टेंड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
एक्जाम्पल के लिए आप आईफोन के एक ऐप को ले लीजिए जिसका नाम है – जॉम्बीस,रन। जैसा कि हम अपने आस पास देख सकते हैं कि हर कोई चाहता है कि वो अपनी सेहत पर ध्यान दे। सेहत का मार्केट बहुत बड़ा है, इसलिए आईफोन ने इसका फायदा उठाकर एक फिटनेस ऐप बनाया। साथ ही,लोगों को जॉम्बीस बहुत पसंद होते हैं, अब चाहे वो कोई गेम हो या मूवी। इन दोनों ट्रेंड को उसने जीपीएस से मिलाया और एक जॉगिंग ऐप बना दिया, जो कि ग्राहकों को बहुत पसंद आ रहा है।
इसके बाद आप बाँटना सीखिए। इसका मतलब होता है कि आप कुछ ऐसा अलग कर दीजिए जिससे कि आप भीड़ से अलग हो जाएं। आप चाहें तो एक ऐसी सुविधा दे सकते हैं जिसकी नकल कर पाना लगभग नामुमकिन हो, या फिर एक ऐसी चीज़ अपने ग्राहकों को दे सकते हैं जिसे इस्तेमाल करते वक्त उन्हें लगे कि वे सबसे अलग लग रहे हैं। एक्ज़ाम्पल के लिए आप गूगल को ले लीजिए, जिसका सर्च एल्गोरिथ्म इतना ज्यादा अच्छा है कि उसकी नकल कोई नहीं कर पाता।
इसके लिए आपको सबसे पहले अपनी सबसे बड़ी कमजोरी को पहचान कर उसे अपनी सबसे बड़ी ताकत में बदलना होगा। आपको यह देखना होगा कि आप अपने ग्राहकों को ऐसा क्या दे सकते हैं जिससे या तो उनकी जिन्दगी बहुत ज्यादा आसान हो जाए, या फिर वे आपके प्रोडक्ट को इस्तेमाल करते वक्त यह महसूस करें कि वे सबसे अलग लग रहे हैं।
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खुद को प्रतियोगिता से अलग करने के लिए साइक्लिकैलिटि और रीडाइरेक्शन का इस्तेमाल कीजिए।
इस सबक में हम उन तरीकों की बात करेंगे जो भविष्य का अनुमान लगा कर काम करने में हमारी मदद करते हैं। ये दो तरीके हैं साइक्लिकैलिटि और रीडाइरेक्शन। इन तरीकों की मदद से हम इस समय चल रहे ट्रेंड या मार्केट की हालत को देखकर यह पता लगाते हैं कि भविष्य में इसके हिसाब से क्या हालात हो सकते हैं। एक बार हमें यह पता लग जाए, तो हम भविष्य जानकर उसके लिए खुद को तैयार कर सकते हैं।
सबसे पहले हम साइक्लिकैलिटि की बात करते हैं। आप ने शायद यह सुना हो कि इतिहास खुद को दोहराता है। साइक्लिकैलिटि शब्द का मतलब यह है कि यहां पर सब कुछ एक साइकल में चलता है। एक घटना के घटने के बाद दूसरी घटना का पता लगाया जा सकता है अगर हमारे पास सही जानकारी हो तो। एक्ज़ाम्पल के लिए 2008 में जब हर कोई रीयल एस्टेट में अपना पैसा लगाने लगे थे, तो कुछ एक्सपर्ट यह समझ गए थे कि इसका स्टाक मार्केट इतना ज्यादा ऊपर उठ गया है कि यह कभी भी क्रैश कर सकता है। इस घटना को देखकर उन्होंने भविष्य का अंदाजा लगा लिया और खुद को उसमें इंवेस्ट करने से बचा लिया।
इस तरीके का इस्तेमाल फैशन की कंपनियाँ करती हैं। वे मार्केट को देखकर यह पता लगाने की कोशिश करती रहती हैं कि आने वाले वक्त में ग्राहकों को किस तरह का फैशन पसंद आएगा। फिर वे उसके हिसाब से अपने प्रोडक्ट को लाँच करती हैं।
इसके बाद का तरीका है रीडाइरेक्शन। इस शब्द का मतलब है दिशा को बदल कर ठीक करना। यहाँ पर इस शब्द का मतलब है कि वो चीजें जो इस समय ग्राहकों को पसंद नहीं आ रही हैं, उन्हें किसी और तरह से पेश कर के उनके सामने लाना कि वे उसे पसंद करने लगें। इसमें हम कुछ इस तरह से काम करते हैं कि हम एक नेगेटिव चीज़ को अच्छा बना कर लोगों के सामने लाएँ।
इसके लिए आपको मार्कटिंग की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। आपको पता होना चाहिए कि लोग असल में क्या चाहते हैं और आप अपने प्रोडक्ट में किस तरह का सुधार कर के उसे ग्राहकों की नजर में अच्छा बना सकते हैं।
अपने प्रोडक्ट्स को कम कर के आप तेजी से आगे बढ़ सकते हैं।
ज्यादा का मतलब हमेशा अच्छा नहीं होता। अगर आपके पास ज्यादा प्रोडक्ट्स होंगे तो आप अपना ध्यान किसी एक पर अच्छे से नहीं दे पाएंगे। इसलिए सबसे पहले अपने मार्केट को पहचानिए और उसके हिसाब से एक प्रोडक्ट को चुनिए। आप यह देखिए कि ग्राहकों को कौन सा प्रोडक्ट ज्यादा पसंद आ रहा है और क्यों।
सबसे पहले एक छोटे मार्केट में अपने उस खास प्रोडक्ट को लोगों तक पहुंचाइए और देखिए कि क्या उन्हें वह पसंद आता है। फिर आप धीरे धीरे अपने मार्केट को बढ़ा सकते हैं।
बहत से प्रोडक्ट मार्केट में ऐसे हैं जो हर तरह के ग्राहकों को छोड़कर बस एक खास तरह के ग्राहकों पर ध्यान देते हैं। वे कुछ ग्राहकों पर खास ध्यान देकर बहुत फायदा कमाती हैं। एक्ज़ाम्पल के लिए आप कुत्तों का खाना बेचने वाली कंपनियों के ले लीजिए। वे उन पर ध्यान नहीं देते जो बिल्लियाँ पालते हैं, और ना ही उनपर जो कुछ नहीं पालते। उनका खास ध्यान सिर्फ उन लोगों पर होता है जो कुत्ते पालते हैं।
इसके बाद आता है रफ्तार को बढ़ाना। इसमें आप अपने प्रोडक्ट की कुछ खास खूबियों को पहचान कर उनके बारे में अपने ग्राहकों को बताते हैं। इसमें आप अपने ग्राहकों को यह बताने की कोशिश करते हैं कि आपका प्रोडक्ट बाकी की कंपनियों के प्रोडक्ट से क्यों अच्छा है, और लोगों को आपका प्रोडक्ट क्यों इस्तेमाल करना चाहिए। इस तरह से आप उनका ध्यान खींच कर,उनका भरोसा जीत कर बहुत तेजी से आगे बढ़ सकते हैं।
अपनी इंडस्ट्री को पहचान कर अपना ध्यान उस पर लगाइए।
एक बार आप उन 6 तरीकों को समझ जाएं तो आप किसी भी मार्केट में अपना एक खास प्रोडक्ट लाँच कर के उसे कामयाब होता हुआ देख सकते हैं। लेकिन उसके लिए सबसे पहले आपको एक आइडिया चाहिए होगा और साथ ही उन आइडिया को आइडिया से हकीकत में लाने का तरीका भी चाहिए होगा।
जब आप एक नया आइडिया खोजने के लिए निकलें, तो आप जितनी ज्यादा रीसर्च करें उतना ज्यादा अच्छा होगा। आप सिर्फ अपने आस पास की चीजों को ना देखकर यह देखिए कि किस तरह से आप एक बेहतर आइडिया बना सकते हैं।
आप चाहें तो दो या दो से ज्यादा आइडियाज़ को मिला सकते हैं।
आप चाहे किसी भी तरह का प्रोडक्ट बेचिए, आपको भविष्य का अनुमान लगाना आना चाहिए। आपको यह पता होना चाहिए कि आने वाले समय में लोगों को क्या पसंद आएगा, और उससे भी पहले यह पता होना चाहिए कि क्या उन्हें आपका प्रोडक्ट हमेशा पसंद आएगा। खास तौर पर अगर आप फैशन इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं तो आपको इसमें माहिर बनना होगा।
फैशन बहुत तेजी से बदलता रहता है। जब तक एक फैशन इंडस्ट्री एक फैशन को पहचान कर, उसके हिसाब से कपड़े बना कर मार्केट में अपने ग्राहकों तक पहुँचाती है, तब तक वो फैशन पुराना हो चुका होता है। इसलिए इस तरह की इंडस्ट्री में अगर आप भविष्य का अनुमान लगाना नहीं जानेंगे, तो आप कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे।
कपड़े बनाने वाली एक कंपनी ज़ारा सिर्फ 14 दिन के अंदर एक नए फैशन को पहचान कर, उसके हिसाब से कपड़े बना कर मार्केट में ले
आती है और इस तरह से वो कामयाब है। आने वाले समय में 3डी प्रिंटिंग से कपड़े बनना शुरू हो सकता है। इसका मतलब यह है कि जो कंपनियाँ अभी से इस टेक्नोलॉजी को अपनाने की कोशिश करेंगी वे भविष्य में कामयाब होंगी।
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कुल मिलाकर
इस बदलते वक्त में किसी भी एक चीज़ या एक आदत से चिपके रहना बहुत नुकसानदायक हो सकता है। खुद को हमेशा नए आइडियाज़ और नई आदतों को अपनाने के लिए तैयार रखिए और कभी भी अपने पुराने व्यक्तित्व को खत्म करने में हिचकिचाइए मत। मार्केट में घूम घूम कर अपने ग्राहकों में चल रहे टेंड को पहचानने की कोशिश कीजिए। इस वक्त के हालात को देखकर भविष्य के लिए खुद को तैयार कर लीजिए ताकि आप प्रतियोगिता से बाहर रह सकें।
साइक्लिकेलिटि किसी नए मौके को खोजने का एक बहुत अच्छा तरीका साबित हो सकता है। दिए गए चार तरीकों का इस्तेमाल कर के आप इसका फायदा उठा सकते हैं
-उन चीज़ों पर ध्यान दीजिए जो खुद को दोहरा सकती हैं ताकि आपको एक नया मौका मिल सके।
-तुरंत काम कीजिए क्योंकि नए मौके हमेशा नए नहीं रहेंगे।
-यह पता करने की कोशिश कीजिए कि आगे क्या हो सकता है, ताकि आप प्रतियोगिता से आगे रह सकें।
-दूर तक देखने की कोशिश कीजिए। वहाँ तक मत देखिए जहाँ तक सब लोग देख रहे हैं, बल्कि वो देखने की कोशिश कीजिए जो वे नहीं देख पा रहे हैं।