यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए? अपने दिमाग को इस्तेमाल करना सीखें!
Activate Your Brain Book Summary in Hindi- दिमाग शरीर का एक अहम हिस्सा है। हम रोज जो भी काम करते हैं उसमें दिमाग का बहुत बड़ा भाग होता है। इसलिए ये बहुत जरूरी है कि हम इसके काम। करने के तरीके के बारे में जानें और उस जानकारी की मदद से अपने दिमाग का खयाल रखें।
यह किताब हमें बताती है कि हमारा दिमाग किन किन भागों में बँटा हुआ है और उन भागों का क्या काम है। इस किताब कि मदद से हम सीखेंगे कि कैसे हम अपने रिश्ते मजबूत बना सकते हैं। अंत में हम देखेंगे कि कौन कौन से तरीकों से हम अपने दिमाग को सेहतमंद
और बीमारियों से दूर रख सकते हैं जिससे दिमाग हमारा साथ लम्बे समय तक दे सके।
इसे पढ़कर आप सीखेंगे
– वो क्या है जो हमें जानवरों से अलग बनाता है।
– इच्छा शक्ति कैसे आपको सफलता दिलाने में आपकी मदद कर सकती है।
– नींद और आराम क्यों आपके दिमाग के लिए जरूरी हैं।
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हमारा दिमाग तीन हिस्सों में बंटा हुआ है।
पिछले 20 सालों में हमने जो जानकारी हासिल की है उससे हमें यह पता चला है कि हमारे दिमाग को तीन भागों में बाँटा जा सकता है जिसमें से दो भाग चिंपैज़ी से मिलते हैं और एक भाग हमें उनसे अलग करता है। आइए देखें कि ये तीन भाग कौन से हैं और इनका क्या काम है।
– रेप्टीलियन ब्रेन (Reptilian Brain) – यह हमारे दिमाग का वह हिस्सा है जिसे हम काबू नहीं कर सकते। यह दिमाग हमारे शरीर की जरूरतों के हिसाब से काम करता है। जैसे जब आपके शरीर में एनर्जी की कमी होने लगती है तब आपको भूख लगने लगती है। भूख का एहसास दिलाने का काम दिमाग का है जिसे हम काबू नहीं कर सकते। अगर आप चाहें कि खाना खाने के बाद तुरंत बाद आपको फिर भूख लग जाए तो आप ऐसा नहीं कर सकते।
– मैमेलियन ब्रेन (Mammalian Brain) – दिमाग का यह हिस्सा हमारे आस पास मौजूद खतरे को भापने का काम करता है। दिमाग के इसी हिस्से की वजह से हम भावनाओं को महसूस कर पाते हैं। डर, गुस्सा,खुशी,दुख जैसी दूसरी भावना पैदा करने का काम दिमाग के इस हिस्से का होता है।
– ह्यूमन ब्रेन (Human Brain) – दिमाग का यही हिस्सा हमें दूसरे जानवरों से अलग बनाता है। इस हिस्से का काम होता है सूझ बूझ से काम लेना, भावनाओं पर काबू पाना और अपने आस पास की चीज़ों को समझना।
मैमेलियन ब्रेन और ह्यमन ब्रेन एक साथ काम करते हैं। मैमेलियन हमारे अंदर भावनाएं पैदा करता है और ह्यूमन ब्रेन समय और हालात के हिसाब से उसे काबू करता है। मान लीजिए कि आप किसी मीटिंग में हों और अचानक आपको एक पुराना चुटकुला याद आ गया। आप जोर से हँसने ही वाले थे कि आपको याद आ गया कि आप मीटिंग में हैं। यहाँ पर याद दिलाने का काम हमन ब्रेन ने किया।
हमारे दिमाग के केमिकल हमें काबू करते हैं लेकिन हम भी उन्हें काबू कर सकते हैं।
क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आपने जोश में आकर फैसला किया हो कि अब से आप रोज जिम जाएंगे लेकिन दो दिन के बाद आपका जिम जाने का मन नहीं करने लगा हो? हमारे दिमाग में मौजूद केमिकल्स की वजह से ऐसा होता है। आइए देखें कि ये केमिकल्स कौन कौन से हैं और इनका क्या काम है।
दिमाग के कुछ केमिकल हमें खुशी महसूस करने में मदद करते हैं। डोपामीन (Dopamine) हमें आराम दिलाता है, नोरेपिनेप्राइन । (Norepinephrine) हमारा किसी काम में इंट्रेस्ट पैदा करवाता है
और आक्सिटोसिन (Oxytocin) हमें दूसरों पर भरोसा कर उनसे रिश्ते बनाने में मदद करता है।
एड्रेनलीन (Adrenaline) और कार्टिसोल (Cortisol) नाम के केमिकल हमें आस पास के खतरों को भाँप कर उनसे बचने या सामना करने में मदद करते हैं। इन्हीं केमिकल्स की वजह से हम आज तक जिंदा हैं और जंगलों से निकल कर शहरों तक आ सके हैं। लेकिन रोज़ के काम के तनाव और काम ना करने के नतीजों के डर की वजह से ये केमिकल हमेशा हमारे अंदर बनते रहते हैं जिसकी वजह से कैंसर और डायबिटीज का खतरा हो जाता है।
इस तरह से ये केमिकल्स हमें काबू करते हैं। लेकिन अच्छी खबर ये है कि हम भी इन केमिकल्स पर काबू पा सकते हैं। अगर आपका कोई काम करने का मन नहीं करता तो आप उस काम से होने वाले फायदों के बारे में सोच कर अपना मन उस काम में लगा सकते हैं।
जब आप बिस्तर छोड़कर, जिम में जाकर मेहनत करने के बारे में सोचते हैं तो आपका जाने का मन नहीं करता। लेकिन अगर आप ये सोचें कि जिम जाने से आप सेहतमंद रहेंगे तो आपका मन जिम जाने का करेगा। हर काम के फायदों को देखने पर आपका दिमाग तनाव वाले हार्मोन कम बनाएगा जिसकी वजह से डोपामीन, नोरेपिनेप्राइन और आक्सिटोसिन का बनना बढ़ जाएगा और आपका काम करने का मन करेगा।
आप खुद पर काबू पाकर और हर हालात के लिए तैयार होकर अपनी खुशी को बढ़ा सकते हैं।
अगर आप खुदपर काबू नहीं पा सकते तो आप खुश नहीं रह सकते। जिन्दगी में उतार चढ़ाव आते ही रहते हैं और ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनका सामना करें। इसलिए आप सबसे पहले अपने आप की जिम्मेदारी लेना सीखें।
अक्सर लोग अपने हालात के लिए दूसरों को दोष देते हैं। आपने लोगों को अक्सर कहते हुए सुना होगा कि सरकार अपना काम ठीक से नहीं कर रही है। कंपनी मुझे प्रमोशन ही नहीं दे रही है। ऐसे लोग सिर्फ अपने आप को छोड़कर सभी को बदलने की कोशिश करते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप सबसे पहले खुद को बदलें और खुद अपनी जिम्मेदारी लें।
ज़्यादातर लोग हमेशा डर में जीते हैं। उनकी हालत उस मुर्गे की तरह होती है जिसके ऊपर हमेशा आसमान गिरता रहता है। उनके साथ ऐसा इसलिए होता हैं क्योंकि वे अपने आप को पूरी तरह से तैयार नहीं करते।
आप अगर कोई काम करने जा रहे हैं और आपको डर लग रहा है कि आप से कुछ गलतियाँ हो जाएँगी तो आप अपने आप को हर बुरे हालात के लिए तैयार कीजिए। आप उन गलतियों की एक लीस्ट बनाइए और हर गलती को सुलझाने का एक तरीका ढूंढ लीजिए।
अपने आप को पूरी तरह से तैयार करके आप अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं और अपने डर को कम कर सकते हैं। इससे आपके अंदर डोपामीन की मात्रा बढ़ेगी और आप खुश रह सकेंगे।
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अपनी मंज़िल को हासिल करने के लिए आपके पास एक मजबूत इच्छा शक्ति होनी चाहिए।
1970 में वाल्टर मिशेल (Walter Mischel) ने बच्चों पर मार्शमैलो स्टडी की। इस स्टडी में उन्होंने बच्चों से कहा कि अगर वे अपने टेबल पर रखे गए मार्शमैलो को खाने से खुद को आधे घंटे रोक सकें तो उन्हें दो मार्शमैलो खाने को दिए जायेंगे। जिन बच्चों ने खुद पर काबू पा लिया वे आगे चलकर सफल हुए।
इस आसान सी स्टडी से ये बात साफ है कि अगर आपकी इच्छा शक्ति मजबूत है तो आप एक दिन सफलता जरूर प्राप्त करेंगे। सफलता पाने के लिए सबसे पहले आपको अपने मन पर काबू पा कर उसे सही जगह पर लगाना होगा। हमें अपने दिमाग को एक जगह पर फोकस करना सीखना होगा।
अगर आप सोचते हैं कि आप दो काम एक साथ कर लेंगे तो आप एक भी काम नहीं कर पाएंगे। हमारा दिमाग एक बार में सिर्फ एक ही चीज पर फोकस कर सकता है।
अगर आप एक काम पर अच्छे से फोकस कर के उसे एक घंटा करें तो आप ज्यादा काम कर पाएंगे। लेकिन अगर आप ये सोचें कि आप दो काम एक साथ करेंगे तो आप चार घंटे उस काम को समय देने पर भी उस एक घंटे के बराबर काम नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा काम में गलती करने की संभावना तीन गुना बढ़ जाती है।
एक और स्टडी में ये पाया गया कि अगर आपके काम को दूसरे लोग देख रहे होंगे तो आप वो काम अच्छे से करने की कोशिश करेंगे। इसलिए आप अपने काम के बारे में अपने दोस्तों को बताते रहिए।
सफलता हासिल करने के लिए आप अपने बड़े लक्ष्य को छोटे भागों में बाँट दीजिए और उन छोटी सफलताओं को हासिल करने की कोशिश कीजिए। छोटी सफलताओं को आसानी से हासिल किया जा सकता है और इससे आपका हौसला भी बढ़ेगा।
आक्सिटोसिन हमें दूसरों से अच्छे रिश्ते बनाने में मदद करता है।
किसी नए स्कूल में जाने पर क्या आपको पहले दिन किसी से बात करने में थोड़ी घबराहट सी होती है? ऐसा इसलिए क्योंकि हम दूसरे व्यक्ति के बारे में नहीं जानते और हमारा दिमाग अंजान लोगों के बीच होने पर खतरा महसूस करता है। लेकिन हम जब उनके बारे में अच्छे से जान जाते हैं तब हमारा दिमाग आक्सिटोसिन पैदा करता है जिससे हमें दूसरों पर भरोसा हो जाता है।
जब भी हम किसी नए व्यक्ति से मिलते हैं तो हर मुलाकात पर हमारे दिमाग में उसके लिए एक भावना पैदा होती है। अगर उसकी बातें हमारे लिए यादें बन जाती हैं और उसके साथ रहने में हमें खुशी मिलती है तो हमारे अंदर आक्सिटोसिन बनने लगता है और हम उस व्यक्ति पर भरोसा करने लगते हैं। इसलिए किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप सामने वाले के साथ हसें, अच्छी बातें करें और अपनी कुछ यादें बांटें।
आप दूसरों की मदद के लिए उनका धन्यवाद कीजिए, उनसे अच्छे से बातें कीजिए और हमेशा उनके काम के लिए उन्हें शाबाशी दीजिए। एक अच्छी टीम में आपने देखा होगा कि लोग अक्सर अपने टीम वालों को हाई फाई देते हैं। ऐसा करने से उनके अंदर आक्सिटोसिन का बनना बढ़ जाता है और वे एक दूसरे पर भरोसा कर के एक अच्छी टीम बना पाते हैं।
रिश्ते बनाने एक और अच्छा तरीका है कि आप सामने वाले की बातों को सुनकर उसे कोई अच्छा रेस्पॉन्स दें। जैसे कि अगर आपके किसी दोस्त ने आपको अपनी किसी सफलता के बारे में बताया तो आप उसकी मेहनत और उसकी कामयाबी के लिए उसे शाबाशी दीजिए।
दूसरों के साथ मिलकर हासिल की गई कामयाबी ज्यादा खुशी देती है।
आपने वो कहावत तो सुनी होगी कि खुशी बाँटने से बढ़ती है। ठीक वैसे ही अगर आप दूसरों के साथ मिलकर कोई काम करेंगे तो उसमें आपको मजा भी आएगा और सफलता मिलने पर आपको ज्यादा खुशी भी मिलेगी। ग्रुप में काम करने से कामयाबी जल्दी मिलती है।
अक्सर आपने देखा होगा कि सुबह सुबह जो लोग टहलने जाने हैं वे अकेले नहीं जाते। वे अपने साथ अपने किसी दोस्त को भी लेकर जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अकेले के बजाये किसी के साथ कोई भी काम करने में ज़्यादा मज़ा आता है। अगर आप रोज अकेले ही टहलने जाएँ तो आप जल्दी ही बोर हो जाएंगे।
जब भी आप कोई नया काम करने जाएँ आप अपने साथियों की राय और उनसे मदद ज़रूर माँगें। दूसरों की राय से आपको नए आइडियाज़ मिल सकते हैं, ऐसा देखा गया है कि जब हम किसी से मदद माँगते हैं तो वे हम पर ज्यादा भरोसा करने लगते हैं। इससे भी आप एक अच्छे रिश्ते की शुरुआत कर सकते हैं।
लेकिन जरूरी नहीं कि लोग हमेशा आपकी बात या आपके काम से सहमत हों। उनके काम करने का तरीका अलग हो सकता है। उनके सोचने और समस्या को सुलझाने का तरीका अलग हो सकता है। इसलिए आप उनकी बातों और विचारों की इज्जत करना सीखें।
दूसरों की राय लेने से आपको हमेशा अपने काम के बारे में कुछ अच्छी या बुरी बातें पता चल सकती हैं। आप उसकी मदद से किसी समस्या को सुलझाने का एक अच्छा तरीका ढूंढ सकते हैं। अगर आपको उनका आइडिया पसंद नहीं आता तो आप उस आइडिया को नजरअंदाज कीजिए ना कि उस व्यक्ति को।
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अच्छा खाना खा कर और कसरत कर कर आप अपनी और अपने दिमाग की सेहत सुधार सकते है।
Activate Your Brain Book Summary in Hindi– आपने कसरत से होने वाले फायदों के बारे में जरूर सुना होगा। आइए देखें कि किस तरह ये एक अच्छी सेहत हासिल करने में हमारी मदद करती है।
कसरत करने से हमारा दिमाग एक ब्रेन डीराइव्ड न्युरोट्रोफिक फैक्टर (brain-derived neurotrophic factor) नाम का केमिकल बनाता है जिससे हमारे सेल्स रिपेयर होते हैं, दिमाग को बढ़ने में मदद मिलती है और साइनैप्सेस के बीच का कनेक्शन मजबूत होता है।
आप मानसिक कसरत की मदद से भी ये फायदे पा सकते हैं। सुडोकु या नासवर्ड जैसे खेल हमारे दिमाग के लिए एक कसरत हैं जिससे हमारा दिमाग सेहतमंद रहता है। कसरत करने से हमारा दिमाग वो केमिकल पैदा करता है जिससे तनाव और बेचैनी कम होती है।
हमारे दिमाग को अच्छे से काम करने के लिए अच्छे खाने की भी जरूरत पड़ती है। इसलिए आप अपने खान पान पर खास ध्यान दीजिए। अपने खाने में सही मात्रा में ग्लूकोज, फैट, प्रोटीन और दूसरे माइक्रोन्युट्रीएंट लीजिए जिससे आपका शरीर और आपका दिमाग अच्छे से काम कर सके।
आप पैकेट के खाने से जितना ज्यादा दूर रहेंगे आपकी सेहत के लिए उतना ही अच्छा होगा। आप फल खाइए। बेर खाने से आपकी याद्दाश अच्छी होगी, सेब खाने से आपका दिमाग तेज होगा, चॉकलेट खाने से हार्ट अटैक का खतरा कम होगा और मेवा खाने से आपको चीजें लम्बे समय तक याद रहेंगी।
खाने के अलावा पानी भी बहुत जरूरी है। हमारे दिमाग का 75% भाग पानी होता है। इसलिए आप एक दिन में जितना पानी पी सकें उतना पीजिए।
तनाव से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा तरीका है सोना और आराम करना।
क्या आप हमेशा तनाव में रहते हैं? क्या आप अपने काम पर सही से फोकस नहीं कर पाते? क्या आप किसी आसान काम में भी उलझ जाते हैं और उसे सुलझा नहीं पाते? अगर हाँ तो अब आपको नींद की जरूरत है।
सोने से हमारा दिमाग कार्टिसोल नाम के हार्मोन को बनाना कम कर देता है जिससे हमें तनाव से राहत मिलती है। आपका दिमाग भी आपके शरीर के जैसा ही है। ये काम करते करते थक जाता है और इसे आराम की जरूरत पड़ती है। इसलिए आप अपनी नींद से समझौता ना करें।
अच्छी नींद लेने से हम बहुत सी बीमारियों से बचे रहते हैं, हमें चीजें लम्बे समय तक याद रहती हैं और हमारा तनाव कम होता है।
नींद के अलावा आराम करना भी बहुत जरूरी है। एक रीसर्च में ये बात सामने आइ कि अगर आप हफ्ते में एक दिन आराम करें तो आप बाकी के 6 दिन अच्छे से काम कर पाएंगे। इसलिए आप कभी कभी काम से आराम लेकर कुछ किताबें पढ़ लीजिए या कहीं घूमने चले जाइए।
हमारे सब कॅान्शियस माइंड में समस्या सुलझाने की गज़ब की ताकत होती है। इसलिए आप अपने दिमाग को ठंडा रखिये जिससे आपका सब कॅॉन्शियस माइंड काम कर सके। इससे आपको बहुत सारी परेशानियों के हल आसानी से मिल जाएंगे और आपके अंदर नए नए आइडियाज़ भी आएंगे।
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कुल मिला कर
हम अपने दिमाग को इस्तेमाल करना सीख कर अपनी मंजिल आसानी से हासिल कर सकते हैं, अपनी सोच पर काबू पा सकते हैं,दूसरों से अच्छे संबंध बना सकते हैं और अपने काम की क्वालीटि बढ़ा सकते हैं। अपने दिमाग को सेहतमंद रखने के लिए हमें अच्छा खाना खाना चाहिए, पानी पीना चाहिए और कसरत करनी चाहिए।
अपने दिमाग को सेहतमंद रखने के लिए हमेशा कुछ सीखते रहिए।
जब हम कोई नई चीज सीखते हैं तो हमारा दिमाग न्युरान के नए कनेक्शन बनाने लगता है जिससे हमारा दिमाग सेहतमंद रहता है और डिमेंशिया से सुरक्षित रहता है। आप किसी नई चीज को सीखने के लिए उसे बार बार प्रैक्टिस कीजिए। अगर आप कोई नई भाषा सीख रहे हैं तो उसे बार बार लिखिए, पढ़िए , सुनिए और बोलिए।
अपने कंप्यूटर पर से पॉप अप आप्शन को बंद कर दीजिए।
अगर आप कोई जरूरी काम कर रहे हैं और बीच में किसी का मैसेज या कोई दूसरा नोटिफिकेशन आ जाए तो इससे आपका ध्यान काफी हद तक भटक सकता है। इसलिए आप अपने कंप्यूटर पर काम करते वक्त सारे पॉप अप्स को आफ कर दीजिए जिससे आप अपने काम में अच्छा ध्यान लगा सकें।