यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए?
ज़्यादातर लोगों का मानना है कि हमेशा काम करते रहने से हम अपने काम करने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। उनके हिसाब से हमेशा काम करने और हमेशा काम के बारे में सोचने से वे कामयाबी हासिल कर सकते हैं। लेकिन क्या यह तरीका सही है?
इस किताब में हम देखेंगे कि किस तरह से हम अपने काम करने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। हम देखेंगे कि किस तरह से हम अपनी सेहत का खयाल रख कर, खुद को स्मार्टफोन से दूर रख कर, अच्छी तरह सो कर और कुछ समय अपने परिवार वालों के साथ बिता कर हम अपने आपको ज्यादा काम करने के काबिल बना सकते हैं।
– स्मार्टफोन इस्तेमाल करना आपकी सेहत के लिए क्यों नुकसानदायक है।
– अच्छे से काम करने के लिए अच्छे से सोना क्यों जरूरी है।
– क्यों ज्यादा पैसा आप को खुश नहीं कर सकता।
– दोस्तों के साथ समय बिताने का क्या फायदा है।
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खुशियों के पीछे भागना बंद कर दीजिए।
हम में से हर कोई कामयाबी और पैसे के पीछे भाग रहा है। लेकिन हम कभी कभी यह भूल जाते हैं कि असल में हम खुशी, सुकून और प्यार के लिए जी रहे हैं। इन्हीं चीज़ों को हासिल करने के लिए हम रोज़ सुबह नौकरी पर या अपने काम पर जाते हैं। हम अपने काम में इतने व्यस्त हो जाते हैं जिससे हमें यह पता ही नहीं चलता कि कब हमने वो चीजें खो दी जिसे पाने के लिए हम घर से निकले थे।
अगर आप वाकई जिन्दगी की परेशानियों से तंग आ कर खुशी पाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले एक मकसद तलाश करना होगा। हम में से बहुत से लोगों का मकसद पैसा कमाना होता है लेकिन पैसा एक बाहरी मकसद है। खुशी पाने के लिए आपको अपने अंदर से एक मकसद को पैदा करना होगा।
इस दुनिया में हर एक व्यक्ति किसी दूसरे के लिए काम करता है। कंपनियाँ अपने ग्राहकों के लिए सामान बनाती हैं, कुछ लोग कंपनियों के लिए काम करते हैं और कुछ लोग सरकार के लिए काम करते हैं। अगर आप अपने काम को ही अपना मकसद बना लेंगे तो खुशी अपने आप ही आपके पास चली आएगी।
कामयाबी और पैसे बाहरी मकसद हैं। अगर आपकी जिन्दगी का मकसद है कि आप अपने काम को अच्छे से करेंगे या फिर अपने किसी दोस्त की मदद करेंगे तो यह मकसद आपके अंदर से पैदा हुआ है। इस मकसद को पूरा करने के बाद आपको खुशी अपने आप मिल जाएगी।
खुशियाँ ढूँढने से नहीं मिलती। वो हमारे अंदर ही कहीं छुप कर बैठी रहती हैं और हम उसे अपने अंदर खोजने के बजाए बाहर खोजते रह जाते हैं।
अपने स्मार्टफोन से दूरी बना कर रखिए।
आज के वक्त में अगर हमारा स्मार्टफोन हमारे पास ना हो तो हमें बेचैनी सी महसूस होने लगती है। सो कर उठने के बाद हम सबसे पहला काम अपने स्मार्टफोन के नोटिफिकेशन देखने का करते हैं। लेकिन क्या आपको इससे होने वाले नुकसान के बारे में पता है?
स्मार्टफोन इस्तेमाल करने का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि हम खुद को समय नहीं दे पाते। हम हमेशा सोशल मीडिया पर लगे रहते हैं और एक दूसरे के कमेंट पढ़ते रहते हैं। एक स्टडी में यह बात सामने आई कि हम हर दिन अपना स्मार्टफोन 110 बार अनलॉक करते हैं। जरा सोचिए अगर आप इसी तरह 5 साल रहें तो आपकी सेहत पर इसका क्या असर पड़ेगा?
ज्यादा स्मार्टफोन इस्तेमाल करने से आपको अच्छी नींद नहीं आती। अच्छी नींद न लेने से आप अगले दिन अच्छे से काम नहीं कर पाते और आप हमेशा गुस्से में या चिढ़े हुए रहते हैं। आपकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर इसका बहुत बुरा असर पड़ता है।
अपने आप को इन चीजों से बचाने के लिए ये काम कर सकते हैं –
– सोशल मीडिया पर दिन भर मत लगे रहिए। उसे अपने पूरे दिन का एक छोटा समय दीजिए और उसी समय में अपने सारे नोटिफिकेशन चेक कीजिए।
– उन चीज़ों की लिस्ट बनाइए जो आपका सबसे ज्यादा समय खा रही हैं। एक्साम्पल के लिए अगर आप सारा दिन इंस्टाग्राम पर फोटो अपलोड करने के लिए सेल्फी खींचते रहते हैं तो इसे उस लिस्ट में लिखिए और इस काम से छुटकारा पाने की कोशिश कीजिए।
– ईमेल को भी अपने दिन का एक या आधा घंटा दीजिए। सारा दिन ईमेल मत चेक कीजिए।
अपने स्मार्टफोन से दूरी बना लेने से आप अपने काम को अच्छे से कर पाएंगे और अपने काम करने की क्षमता को बढ़ा पाएंगे। अगर आपको यह कुछ ज्यादा मुश्किल लग रहा है तो आप अपने किसी दोस्त से या किसी अजनबी से बातें कर सकते हैं।
हमेशा अच्छा सोचिए और अच्छे की उम्मीद कीजिए।
हम अपनी सोच बदलकर अपनी ज्यादातर समस्याओं को सुलझा सकते हैं। हम परेशान सिर्फ अपनी सोच की वजह से हैं। अगर हम अपने सोचने के तरीके को बदल देंगे तो हम अपनी ज्यादातर परेशानियों से छुटकारा पा लेंगे।
इसलिए सबसे पहले आप खुद को एक पॉजिटिव व्यक्ति में बदलिए। आप हमेशा यह सोचिए कि लोग आपके बारे में अच्छा सोच रहे हैं। अगर कोई गलती से आपके पैर के ऊपर चढ़ जाए और आपका जूता गंदा कर के बिना माफी माँगे चला जाए तो आप गुस्सा मत कीजिए। आप यह सोचिए कि शायद वह व्यक्ति किसी बात को ले कर बहुत परेशान था जिसकी वजह से उसका ध्यान इस बात पर नहीं गया होगा। इस तरह से सोचने पर आप अपने मन को शांत रख सकते हैं।
इसके अलावा आप हमेशा अच्छी बातें कीजिए। आप अपनी बात को हमेशा एक अच्छी लाइन के साथ खत्म कीजिए। नेगेटिव बातें करने से लोग आपकी बात उतने मन से नहीं सुनते। अगर आप किसी की शिकायत कर रहे हैं तो ऐसा नहीं है कि वह आपकी बात को अच्छे से सुन रहा है। अच्छी बातें करने से आप लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींच सकते हैं।
आप जिस तरह का व्यवहार लोगों से अपने लिए चाहते हैं वैसा ही व्यवहार दूसरों के साथ कीजिए। अगर आप इज्जत चाहते हैं तो सबसे पहले लोगों को इज्जत दीजिए। अगर आप लोगों की तारीफ पाना चाहते हैं तो पहले उनकी तारीफ कीजिए।
तारीफ सुनना हर किसी को पसंद है। इसलिए सबसे पहले आप तारीफ करना सीखिए। दूसरों के काम के लिए उनकी तारीफ करना एक बहुत अच्छी आदत है। अगर आप किसी के काम के लिए उसकी सच्ची तारीफ करते हैं तो वह व्यक्ति भी आपके काम के लिए आपकी तारीफ भी करेगा और आपकी इज्जत भी करेगा।
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अपनी सामाजिक जिन्दगी को भी कुछ समय दें।
हम लोग अपने काम में आज इतने व्यस्त हो गए हैं कि हम अपने परिवार या अपने दोस्तों को समय नहीं दे पा रहे हैं। अगर हम उन्हें समय दे भी दें तो हमें बाद में पछतावा होने लगता है कि हमने अपना समय बरबाद कर दिया। लेकिन क्या आपको पता है कि सामाजिक जिन्दगी को अच्छे से जीने से आपकी सेहत और आपके काम करने की क्षमता बढ़ सकती है?
जब हम अपने दोस्तों के साथ होते हैं तो हमें बहुत अच्छा लगता है। हम उन से अपनी जिन्दगी की बातें करते हैं और अपनी समस्याएं सुनाते हैं। ऐसा कर के जितना खुश होने के बारे में हम सोचते हैं असल में हमें उससे ज्यादा खुश होते हैं।
एक स्टडी में कुछ लोगों से पूछा गया कि अगर उन्हें एक ट्रिप खरीदने का या फिर किसी अच्छे रेस्टोरेंट में अपने दोस्तों के साथ डिनर करने का मौका मिले थे वे कितने खुश होंगे। ट्रिप जाने के बाद और रेस्टोरेंट में अपने दोस्तों के साथ डिनर करने के बाद पता चला कि वो लोग 106% ज्यादा खुश थे।
लेकिन यह जरूरी है कि आप अपने दोस्त सोच समझ कर चुनें। समय के साथ आप उनके जैसे ही हो जाएंगे। अगर आपके दोस्त नेगेटिव बातें करते हैं तो वे आपको नेगेटिव कर देंगे और समय के साथ आपको भी एक नेगेटिव व्यक्ति बना देंगे। इसका अपना समय सिर्फ अपने अच्छे दोस्तों को दीजिए।
इसके अलावा अगर आप किसी छुट्टी की प्लैनिंग कर रहे हैं तो उसके बारे में अपने दोस्तों को बताइए। इसे साइज़ मत रखिए। समय समय पर इसके बारे में सोचते रहिए। इससे आपका मूड अच्छा रहेगा जिसकी वजह से आप अपने काम पर अच्छे से फोकस कर पाएंगे।
अच्छा खाना खा कर आप अपने शरीर को मजबूत बना सकते हैं।
आपका शरीर आपका हथियार है और इस हथियार की धार तेज रख कर ही आप इसका इस्तेमाल अच्छे से कर सकते हैं। इसके लिए यह जरूरी है कि आप अच्छा खाना खाएँ और सेहत का खयाल रखें।
अपनी सेहत सुधारने के लिए अपने रोज़ के खाने में कुछ बदलाव करना ही काफी है। इसके लिए आपको पूरी तरह से अपने डाइट प्लान को बदलने की जरूरत नहीं है। इसके लिए सबसे पहले अपने खाने में प्रोटीन को बढ़ा दीजिए और कार्बोहाइड्रेट को कम कर दीजिए।
एक स्टडी में यह पाया गया कि अगर आप अपने रोज के खाने में थोड़ा सा प्रोटीन बढ़ाएंगे और थोड़ा सा कार्बोहाइड्रेट कम करेंगे तो भी आपकी सेहत पर इनका बहुत अच्छा असर पड़ेगा। ज्यादा प्रोटीन लेने से मीठा खाने की तलब कम हो जाती है।
इसके अलावा आप तला हुआ खाना खाना या फिर पैकेट का कुछ भी खाना बंद कर दीजिए। आप फल खाईये, नट्स या अंडे खाईये। एनर्जी ड्रिंक्स को छोड़कर पानी, चाय या कॉफी पीने की आदत डालिए। उस खाने को मत खाइए जिसमें कार्ड्स और प्रोटीन का रेशियो 5:1 से ज्यादा हो।
मार्केट जाने से पहले अपने शॉपिंग की तैयारी कीजिए। सिर्फ उन्हीं चीज़ों को अपने लिस्ट में लिखिए जो आपके लिए फायदेमंद हों। अपने किचन को सेहतमंद खाने से भर दीजिए जिससे आपको चारों तरफ सिर्फ वही दिखाई दे। बाजार जाते वक्त फल लेना मत भूलिए। जब आपको कुछ खाने का मन करे तो आप स्नैक्स छोड़कर फल खाइए।
हर रोज कसरत करने से आपका मूड अच्छा रहेगा।
बहुत से लोग सारा दिन बैठ कर बिता देते हैं। कुछ लोग कंप्यूटर के सामने बैठकर सारा दिन काम करते रहते हैं। लेकिन क्या आपको सारा दिन बैठे रहने के घाटे के बारे में पता है? इससे हमारे पैरों की इलेक्ट्रिक एक्टिविटि बंद हो जाती है, हम एक मिनट में सिर्फ एक कैलोरी का इस्तेमाल करते हैं, हमारे शरीर के बहुत से हिस्सों में खून की सप्लाई बंद हो जाती है और शरीर में फैट जमा होना लगता है।
कसरत करने के फायदों के बारे में सभी लोगों ने सुना होगा। लेकिन जब उन फायदों का लाभ उठाने के लिए लोगों को कसरत करने के लिए कहा जाता है तो वे समय ना होने का बहाना बनाते हैं और इससे मुँह मोड़ लेते हैं। आप अपनी सेहत से समझौता कर के कितना समय बचाएँगे?
एक स्टडी में पाया गया कि अगर आप हर रोज सिर्फ 20 मिनट एक्सरसाइज़ करें या फिर चलें तो भी आप सेहतमंद रहेंगे और आपका मूड 12 घंटे तक अच्छा रहेगा। इससे आप अपने काम पर 150% ज्यादा ध्यान दे पाएंगे। इसका मतलब यह है कि आप जिस काम को 3 घंटे में कर रहे थे अब आप उसे 2 घंटे में कर सकते हैं। अब जरा सोचिए- क्या करसत करने से आपका समय बरबाद होता हैं।
इसका अलावा सारा दिन बैठे मत रहिए। समय समय पर उठ कर थोड़ा टहल लीजिए या फिर अपने हाथ पैर हिलाइए। अगर आप सारा दिन कंप्यूटर पर काम करते रहते हैं तो आप अपने प्रिंटर को अपने से दूर रखिए ताकि जब आपको कुछ प्रिंट करना हो तो आप उठकर वहाँ तक जाएँ।
समय समय पर यह देखते रहिए कि आपकी सेहत कितनी सुधरी। इससे आप ज्यादा कसरत करने के लिए मोटिवेट रहेंगे। हर रोज अपने कमर की साइज़ नापकर आप भी आप खुद को कसरत करने के लिए धकेल सकते हैं। या फिर आप किसी वेट स्केल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
नींद से समझौता कर के आप अपने काम करने की क्षमता को नहीं बढ़ा सकते।
नींद के ऊपर बहुत सारे एक्सपेरिमेंट किए गए हैं। आप चाहें तो उन एक्सपेरिमेंट्स के बारे में गूगल पर सर्च कर सकते हैं। इन एक्सपेरिमेंट्स को पढ़ने के बाद आप समझ जाएंगे कि नींद से समझौता कर कर आप कितनी बड़ी गलती कर रहे थे।
एक रिसर्च से पता चला है कि उच्च स्तरीय पेशेवर हर रोज 8 घंटे 36 मिनट की नींद लेता है। आपको कम से कम 8 घंटे सोना चाहिए। अगर आप यह सोचते हैं कि एक घंटा कम सो कर आप एक घंटा ज्यादा काम कर सकते हैं तो आपका सोचना एक तरह से सही है। आप एक घंटा ज्यादा काम तो करेंगे लेकिन उस काम का नतीजा आपको उतना ही मिलेगा जितना एक घंटा कम काम कर के मिलता था। इसका मतलब है आप ने अपना एक घंटे को बेचकर उसके बदले परेशानी खरीद ली। आपका दो तरफा नुकसान हुआ।
कम सोने की वजह से आपके सोचने की क्षमता कम हो जाती है। इसका असर आपके काम पर दिखता है। अमेरिका को अच्छे से काम न करने की वजह से एक साल में 63 अरब डॉलर का नुकसान होता है।
अच्छे से सोने के लिए सबसे पहले अपने सोने से 90 मिनट पहले की हरकतों पर ध्यान दीजिए। आप सोने से 90 मिनट पहले जो भी काम करते हैं उसका असर आपकी नींद पर पड़ता है। ज्यादातर लोग सोने से पहले अपने फोन इस्तेमाल करते हैं। इससे उनके सोने की क्वालिटि पर असर पड़ता है। इसलिए सोने से 1 घंटे पहले अपने फोन को दूर रख दीजिए।
अगर आप अपने काम पर अच्छे से ध्यान देना चाहते हैं तो आपको अपने सोने पर अच्छे से ध्यान देना होगा।
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कुल मिला कर
अपने काम करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए लगातार सिर्फ काम करना ठीक नहीं है। हमारे शरीर और हमारे दिमाग की अलग अलग जरूरतें हैं और अगर हम उन जरूरतों को पूरा नहीं करेंगे तो यह शरीर और दिमाग हमारी बात नहीं सुनेंगे। इसलिए यह जरूरी है कि अपने काम के साथ साथ हम अपने शारीरिक, मानसिक और सामाजिक सेहत का खयाल रखें। इससे हम अपने दिमाग के उपर का बोझ हल्का कर उसे ज्यादा काम करने के काबिल बना सकते हैं।
किसी से बात करते वक्त अपने फोन को छुपा दीजिए।
शायद आपको पता नहीं कि एक स्मार्टफोन के सामने होने से आपकी बातचीत पर असर पड़ता है भले ही वो स्विच आफ ही क्यों न हो। इससे हम सामने वाली की बातों को सही से नहीं सुन पाते जिससे हम उसकी बातों का जवाब भी नहीं दे पाते। इसलिए किसी से भी बात करते वक्त अपने फोन को अपने बैग में रख लीजिए।