The Fred Factor by Mark Sanborn Book Summary in Hindi

The Fred Factor

Table of Contents

The Fred Factor Book Summary in Hindi-

परिचय

क्या आप अपने कस्टमर को अपना परमानेन्ट कस्टमर बनाना चाहते हैं। क्या आप चाहते है कि आपका कस्टमर आपके अलावा किसी और के पास ना जाये। तो ये समरी आप के लिये है। इस समरी में आथर एक पोस्टमैन से मिलते है जिसका नाम है फ्रैड। जहाँ पर बाकी सारे पोस्टमैन अपने काम को बोरिंग समझते है और लेटरस इधर उधर फेक के चले जाते थे। वही पर फ्रेड सबको अपना दोस्त मान के उनकी एक्सट्रा केयर रखता था जिस कि वजह से हर कम्यूनिटि मेम्बर को उनकी सर्विस अच्छी लगती थी। आँथर ने फ्रेड के काम करने का तरीके से 4 प्रिसिंपल सीखे जो की हम इस समरी में डिसक्स करेंगे।

 

फर्स्ट फ्रेड: THE FIRST FRED:

इस बुक के ऑथर मार्क संबोन (Mark Sanborn) ने जब नया घर लिया तो शिफ्ट होने के कुछ घंटे बाद ही उनकी डोर बेल बजी. दरवाजे पर एक यंग मेन था जिसने बताया कि उसका नाम फ्रेड है और वो एक मेलमेन है. वो ऑथर को मेल्स डिलीवर करने आया था. उसने ऑथर से पुछा कि वो क्या जॉब करते है तो संबोन (Sanborn) ने जवाब दिया कि वो एक प्रोफेशनल स्पीकर है”

 

“ओह, फिर तो आप काफी ट्रेवल करते होंगे? फ्रेड ने पुछा तो संबोन ने कहा कि ज्यादातर टाइम घर से बाहर ही रहते है. ये सुनकर फ्रेड ने कहा कि वो उसे अपना शेड्यूल भेज दे ताकि वो जब घर पे हो तभी वो उनको मेल्स डिलीवर करने आये और अगर वो बाहर होंगे तो वो उन्हें बाद में आकर मेल्स दे देगा. फ्रेड की बात सुनकर संबोन बड़े हैरान हुए लेकिन फिर उन्होंने पोलाईटली रिफ्यूज कर दिया.

 

उन्होंने फ्रेड से कहा” बैंक यू, लेकिन तुम्हे इतनी तकलीफ करने की ज़रूरत नहीं. जब मै घर पे ना मिलूं तो मेरी मेल्स मेल बॉक्स में डाल देना. लेकिन फ्रेड ने ये कहते हुए मना कर दिया कि चोर उच्चके अक्सर मेल बॉक्स फुल होने पर समझ जाते है कि घर का ओनर कहीं बाहर गया है और वो चोरी कर लेते है. फ्रेड ने एक सजेशन दिया कि वो मेल बॉक्स में तब तक मेल्स डालेगा जब तक कि वो फुल ना हो जाये और उसके बाद वो संबोर्न की मेल्स फ्रंट डोर और स्क्रीन डोर से अंदर डाल देगा ताकि कोई देख ना सके. और उसके बाद भी अगर कोई मेल्स बचती है तो वो उन्हें उनके आने तक अपने पास रख लेगा. फ्रेड ने जब ये सब बोला तो संबोन बहुत ज्यादा हैरान हुए कि इतनी कम उम्र में ही फ्रेड कितना टेलेंटेड है. वो उसके सजेशन मान गए थे, आफ्टरआल फ्रेड एक मेल प्रोफेशनल जो था.

 

फिर एक बार जब वो ट्रिप से लौटे तो देखा कि उनका फ्रंट डोर मेट गायब था. उन्हें बड़ी हैरानी हुई कि डोर मेट भी भला कौन चुरा सकता है. तभी साइड में डोर मेट पड़ा दिखा, उन्होंने उसे उठाया तो उसके नीचे एक पैकेट रखा था. उन्होंने फ्रेड से जब इस बारे में पुछा तो उसने कहा” आप जब बाहर थे तो यू.एस. मेल सिस्टम ने गलती से उनका पैकेट किसी और घर के दरवाजे पर डिलीवर कर दिया था.

 

जब मै वहां गुज़रा रहा था तो मैंने उस पैकेट में आपका नाम और एड्रेस देख लिया थाइसलिए उस पैकेट को आपके डोर मेट के नीचे छुपा दिया ताकि चोर उठा कर ना ले जाए! संबोर्न इतने ज्यादा इम्प्रेस्ड हुए कि उन्होंने डिसाइड कर लिया था कि आज के बाद वो अपनी स्पीच में लोगो को इंस्पायर करने के लिए फ्रेड की स्टोरी सुनायेंगे. अब संबोन जब भी कोई स्पीच देते तो फ्रेड का स्टोरी ज़रूर सुनाते. कई लोगो ने उन्हें मैसेज किया कि फ्रेड की स्टोरी ने उन्हें काफी इंस्पायर किया है.

 

फिर संबोन ने ये बाद फ्रेड को भी बताई तो वो बड़ा खुश हुआ. कहने का मतलब ये है कि हम सबके अंदर एक फ्रेड है. आप चाहे तो आप भी फ्रेड बन सकते है, जानना चाहोगे कैसे? तो चलो आओ अपने नेक्स्ट चैप्टर की तरफ बढ़ते है.

इस बुक को ख़रीदे (Buy this Book)-  PRINT  | KINDLE

 

फ्रेड प्रिंसिपल (THE FRED PRINCIPLES:) PRINCIPLE 1: EVERYONE MAKES A DIFFERENCE: बदलाव कोई भी ला सकता है

एक एम्प्लोई भी चाहे तो काफी कुछ चेंज ला सकता है, फिर चाहे ऑर्गेनाइजेशन कितनी बड़ी या इन्सिग्निफिकेट क्यों ना हो. या तो वो कुछ अच्छा करेगा या कछ गलत या फिर कछ भी नहीं. फ्रेड ये बात जानता है. उसे मालूम है कि उसकी जॉब सिर्फ मेल्स डिलीवर करना नहीं है बल्कि उसके काम से उसके क्लाइंट्स पर काफी असर पड़ सकता है, वो उनकी लाइफ को और ज्यादा एन्जोएबल बनाने में उनकी हेल्प कर सकता है.

 

पोलिटीशियंस हमे हमेशा यही बताते है कि काम हमे एक डिग्निटी देता है और बात एक हद तक सच है. आप जो भी काम करते हो, वो आपकी लाइफ का एक इम्पोर्टेट पार्ट है जिसके बिना आपकी पहचान अधूरी है. लेकिन ये बार आधा सच है. पूरा सच तो ये है कि लोगो की वजह से भी काम को डिग्निटी मिलती है. ऐसा कोई काम नहीं है जो अनइम्पोर्टेट हो लेकिन उस काम को करते वक्त लोगो को लगता है कि वो एक अनइम्पोर्टेट काम कर रहे है.

 

प्रिंसिपल II: (PRINCIPLE II: SUCCESS IS BUILT ON RELATIONSHIPS:) सक्सेस रिलेशनशिप के बेस पर बिल्ट होती है

संबोन (Sanborn) सारी उम्र अपने मेलबॉक्स में मेल्स रीसीव करते रहे., जो वो करते थे उन्हें उसके पैसे मिलते है. ना इससे कुछ कम ना ज्यादा. लेकीन फ्रेड से मिलने के बाद उन्होंने देखा कि फ्रेड की। सर्विस कई मायनों बहुत बैटर है. और मोस्ट इम्पोर्टेट चीज़ ये कि उसने एफोर्ट लगाया और संबोन की नीड्स के हिसाब से खुद को एडाप्ट किया. वो उनकी ज़रूरत समझता था इसीलिए उसने अपनी सर्विस को पर्सनल बना दिया था.

 

और यही चीज़ आपको करनी है, अगर आप भी” फ्रेड” बनना चाहते है. एक सक्सेसफुल लीडर बनने के लिए आपको ये समझना चाहिए कि आपके एम्प्लोईज जीते जागते इंसान है और कोई टेक्नोलोजी तभी सक्सेसफुल होगी जब इसे पता होगा कि इसके यूज़र्स ह्यूम्न्स है. इसी तरह एम्प्लोईज भी तभी स्क्सीड होंगे जब उन्हे इस बात का एहसास होगा कि उनके क्लाइंट्स ह्यूम्न्स है और उनकी अपनी-अपनी ज़रूरते है.

अन्य बेस्ट सेलर बुक समरी पढ़े –  CLICK HERE

प्रिंसिपल III: PRINCIPLE III: YOU MUST CONTINUALLY CREATE VALUE FOR OTHERS, AND IT DOESN’T HAVE TO COST A PENNY:) आप दूसरो के लिए वैल्यू क्रिएट करते रहिये, इसका कोई पैसा नहीं लगता :

ये मत सोचो कि आपके पास पैसा नहीं है. प्रॉपर टेनिंग या रीसोर्स नहीं है इसलिए आप स्क्सीड नहीं हो पाए. ये सब बहाने है. फ्रेड को देखो और बताओ उसके पास भला कौन से रीसोर्सेस है? कुछ भी तो नहीं! बस वो और उसकी ब्ल्यू यूनिफॉर्म और मेल से भरा एक बैग. बस इतना ही लेकिन फिर भी वो कितना क्रिएटिव माइंडेड है. यहाँ पर पॉइंट ये है कि हमें अपने कॉम्पटीटर्स से ज्यादा स्पेंड नहीं करना है बल्कि उन्हें आउटस्मार्ट करना है यानी उनसे ज्यादा स्मार्ट वे में अपना काम करना है.

 

अगर आप बेरोजगार है तो कोई बात नहीं. आजकल ज्यादातर कंपनीज डाउनसाईंजिंग कर रही है, इसलिए खुद को एम्प्लोयेबल बनाने पर फोकस करे और इसके लिए बेस्ट चीज़ यही है कि आप खुद को इतना स्किलफुल बना ले कि कंपनी खुद आपको ढूंढें. लेकिन क्या आप जानते है एक एम्प्लोयर की मोस्ट इम्पोर्टेट स्किल क्या होनी चाहिए? इसमें ऐसी एबिलिटी होनी चाहिए कि ये बेकार लगने वाली चीज़ की भी वैल्यू क्रिएट कर सके.

 

प्रिंसिपल IV: PRINCIPLE IV: YOU CAN REINVENT YOURSELF REGULARLY: आप खुद को रेगुलर रीइन्वेंट कर सकते हो 

अगर फ्रेड अपनी मेल डिलीवरी में इतना एफर्ट्स और क्रिएटिविटी डाल सकता है तो ज़रा सोचो कि आप अपनी जॉब में कितना एफर्ट डाल सकते हो? तो इसका जवाब है बहुत ज्यादा. संबोन (Sanborn) मानते है कि हर कोई अपनी जॉब में उतनी ही क्रिएटिविटी और इमेजीनेशन डाल सकता है जितना कि फ्रेड, बल्कि उसके कहीं ज्यादा. चाहे आप कुछ भी करते हो उससे फर्क नहीं पड़ता. हर रोज़ जब आप उठते हो तो आपके पास चॉइस होती है कि आप जो चाहे करे, जो चाहे बने. और संबोन इसी को फ्रेड फैक्टर बोलते है.

 

फ्रेड साइटिंग्स : FRED SIGHTINGS: 

एक दिन संबोन अपनी फेवरेट कॉफ़ी लेने स्टारबक्स गए. उन्होंने कॉफ़ी ली ही थी कि उन्हें याद आया कि उनकी कार में तो मैन्युअल ट्रांसमिशन है. उन्हें दोनों हाथो से ड्राइव करना पड़ेगा. एक हाथ व्हील पर और गियर पर; तो उन्होंने सोचा कि कॉफ़ी को कप होल्डर में रख दे जब तक कि वो हायर गियर में शिफ्ट ना कर ले. उन्हें लगा कॉफ़ी गिरने के चांस कम है लेकिन ऐसा हुआ नहीं.. उनकी कॉफ़ी स्पिल हो गयी और उसके छींटे उनकी लाईट ब्ल्यू जींस पर पड़े. एयरपोर्ट पहुँचकर उन्होंने स्टेंन वाले पार्ट को धोकर ड्रायर से सुखाने की कोशिश की लेकिन स्टेंस ठीक निकले नहीं और बड़े गंदे लग रहे थे.

एयरपोर्ट से अपने होटल पहुंचकर उन्होंने रूम सर्विस को कॉल किया. रूम सर्विस से जब एक लेडी आई तो उन्होंने उसे बोला “मेरे पास अभी सिर्फ यही जींस है और इसी में मुझे ट्रेवल करना है. क्या ये दाग निकल सकते है?

 

“लेडी ने कहा” सोरी सर, अभी हमारे पास गेस्ट के लिए कोई लौंड्री रूम नहीं है और उपर से जो स्टाफ वाशिंग करता है, वो भी अभी अवलेबल नहीं है.

 

फिर उस लेडी ने उन्हे कहा कि अगर वो चाहे तो वो अपने घर से उनकी जींस धोकर कल ला सकती है. संबोन रेडी हो गए. अगले दिन उस लेडी ने उन्हें उनकी जींस दी जो वो घर से धोकर और प्रेस करके लाई थी. संबोर्न उसका नाम पूछना भूल गए थे तो उन्होंने होटल एडमिन्स्ट्रेशन को उस लेडी के नाम एक बैंक यू लैटर लिखा. उन्हें लगा कि उन्हें उस लेडी को भी”फ्रेड” कहकर बुलाना चाहिए. वो जहाँ जाते है उन्हें कोई ना कोई फ्रेड को मिल ही जाता है.

 

एक दिन संबोर्न सैन फ्रांसिसको जा रहे थे. एयरप्लेन में उन्हें जो फ्लाईट अटेंडेंट मिली वो भी उन्हें फ्रेड जैसी ही लगी क्योंकि लैंडिंग से जस्ट पहले फ्लाईट अटेंडेंट ने कुछ ऐसा बोला “अगर फ्लाईट में आपके कान पॉप हो रहे हो तो जोर से जम्हाई लीजिये, और अगर आपको जम्हाई लेने में भी प्रोब्लम हो रही हो तो मुझे बोलिए, मै आपको अपनी लव लाइफ के बारे मे बताउंगी. और अगर आपके बगल में बैठे पेसेंजेर मुझे इस बात के लिए पीटे ना तो सैन फ्रांसिसको पहुँचने पर मै ही सबसे पहले आपका स्वागत करूँगी. आपकी जानकरी के लिए बता दे कि एयरपोर्ट बिल्डिंग्स थोड़े दूरी पर है.

 

हम टर्मिनल के अंदर लैंड नहीं करते क्योंकि अंदर बैठे लोग डर जाते है. हम यहाँ लैंड करते है. और इसलिए हमे टैक्सी लेनी पड़ती है इसलिए जब तक हम लोग गेट में पार्क ना हो जाए और सीट बेल्ट साईंन ऑफ ना हो, आप अपनी सीट पर से ना उठे. और मै उम्मीद करती हूँ कि जब आप एयरप्लेन से बाहर निकले तो आपके फेस पर एक बड़ी सी स्माइल हो ताकि बाहर लोग सोचे कि प्लेन के अंदर ऐसा क्या होता है जो आप इतने खुश है” फ्रेड भी यही करता था, और वो फ्लाईट अटेंडेंट भी बिलकुल वही कर रही थी. वो बस अपनी जॉब कर रही है. लेकिन उसके साथ वो रिस्क लेकर फन भी कर रही है और साथ ही उसके पेसेंजेर भी या फिर बोले क्लाईट भी!

 

स्ट्रेटेजी 1: आइडेंटीफाई करो जब आप डिफ़रेंस क्रियेट che Hand at (Strategy 1: Identify when you’ll make a difference. वो हर अपोरच्यूनिटी जो आपको मिलती है.

 

स्ट्रेटेजी 2: अपनी टारगेट ऑडियंस चूज़ करे

 

स्ट्रेटेजी 3: बी द डिफ़रेंस, Strategy 3: Be the difference. आपको एक चीज़ ध्यान रखनी होगी कि फ्रेड बनना है तो आपको ही शुरुवात करी पड़ेगा ताकि बाकी लोग आपको फोलो कर सके. ये सोचो कि आप क्या बदलाव ला सकते हो, और जब आपको पता चल जाए तो खुद से शुरुवात करो.

इस बुक को ख़रीदे (Buy this Book)-  PRINT  | KINDLE

 

SUCCESS IS BUILT ON RELATIONSHIPS: सक्सेस रिलेशनशिप्स पर बिल्ट होती है

फ्रेड बनने की शुरुवात अपने घर और वर्कप्लेस में अपने रिलेशनशिप्स इम्प्रूव करने से करे. संबोर्न (Sanborn) ने कुछ प्रिंसिपल बताये है जो आपको रिलेशनशिप इम्प्रूव करने में हेल्प करेंगे:

 

1) बी रियल (Be real): चाहे आपके कस्टमर्स हो या फेमिली या फिर फ्रेड्स. उन्हें इम्प्रेस करने के चक्कर में ओवरडू ना करे, आप जैसे है वैसे रहो, कोई दिखावा मत करो.

 

2) बी इंटरेस्टिंग: इंटरेस्टिंग होने के साथ एक अच्छे लिस्नर भी बनो: अपने व्यूज़ एक्सप्रेस करना अच्छी बात है लेकिन उससे भी जरूरी है कि आप सामने वाले को समझने की कोशिश करो. अगर उन्हें कोई हेल्प चाहिए तो हेल्प ऑफर करो. हेल्पिंग हैण्ड ऑफर करने से लोग आपकी तरफ अट्रेक्ट होंगे और वो आपकी सर्विस को वैल्यू देंगे.

 

3) बी एमपेथेटिक (Beempathic): काइंड बनो: अगर आप दूसरो को समझना चाहते हो तो खुद को उनकी जगह पर रखकर सोचो. क्योंकि तभी आप फील कर पाओगे कि वो किस सिचएशन से गुजर रहे है. इसलिए काइंड बनो, थौटफुल बनो क्योंकि हर कोई अपनी लाइफ में स्ट्रगल करता है.

 

4) बी ऑनेस्ट (Be honest): फाल्स प्रोमिस कभी मत करो, जो आप नहीं कर सकते उसका वादा मत करो. वही काम करे जो आपकी लिमिट में है.

 

5) बी हेल्पफुल एंड प्रोम्प्ट (Be helpful and prompt): हमेशा दूसरो हेल्प करो. इसके लिए कोई स्पेशल एफर्ट लगाने की ज़रूरत नहीं है. अपने पीछे आने वालो के लिए डोर ओपन करना या दिए गए टाइम पर पहुंचना जैसी छोटी-छोटी बाते फोलो करके भी आप लोगो के साथ एक गुड रिलेशनशिप मेंटेन कर सकते है.

 

कांस्टेंटली क्रिएट वैल्यू फॉर अदर्स (CONSTANTLY CREATE VALUE FOR OTHERS.) 

फ्रेड्स हमेशा अपने काम में एक वैल्यू एड करते है या फिर छोटे से छोटे काम को भी वैल्यूएबल बना देते है. एक बड़े फेमस शेफ से जब उनके सीक्रेट के बारे में पुछा गया तो उसने कहा कि वो जब भी कोई डिश बनाता है तो यही चाहता है कि वो वर्ल्ड की बेस्ट डिश हो. जैसे अगर उसे फ्रेंच फ्राइज़ बनाने के लिए बोला जाए तो वो उसे वर्ल्ड का बेस्ट फ्रेंच फ्राइज़ बनाने की कोशिश करेगा. इस मामले में फ्रेड्स बड़े टेलेंटेड होते है. वो किसी भी ओर्डीनेरी काम को स्पेशल या एक्स्ट्राओर्डीनेरी बना देते है. वो एक तरह से अलकेमिस्ट होते है जो मिटटी को भी सोना बना दे.

अन्य बेस्ट सेलर बुक समरी पढ़े –  CLICK HERE

वैल्यू एडिंग का क्रेश कोर्स: सच बोलो TELL THE TRUTH

  1. प्रेक्टिस पर्सनेलिटी पॉवर (Practice personality power): संबोर्न एक रेस्ट्रोरेन्ट में डिनर कर रहे थे. जो वेटर उन्हें सर्व कर रहा था वो अच्छा था लेकिन एक्सेप्शनल नहीं. जब संबोन पेमेंट कर रहे थे तो एक ओल्ड वेटर ने उनके पास आकर पुछा कि उन्हें कुछ चाहिए तो नहीं. और जब संबोर्न रेस्ट्रोरेन्ट से निकल रहे थे तो वही वेटर दुबारा आया. उसने संबोन के कंधे पर हाथ रखा और बोला” आपके आने से हमे ख़ुशी हुई, दुबारा ज़रूर आइएगा’.

 

हालाँकि ये काफी सिंपल से वर्ड्स थे लेकिन इन्हें सुनकर संबोन को बड़ी ख़ुशी हुई और उन्होंने डिसाइड किया कि वो दुबारा वहां जरूर जायेंगे. तो देखा आपने, कैसे उस वेटर की पर्सनलेलिटी ने संबोन को अपनी तरफ अट्रेक्ट किया.

 

  1. अट्रेक्ट श्रू आर्ट (Attract through art: जो भी आप करो उसे एक आर्टिस्टिक टच दो. एक नोर्मल मामूली से काम में भी आपका एफर्ट झलकना चाहिए.

 

  1. मीट नीड्स इन एडवांस (Meet needs in advance: इमेजिन करो कि आपके पडोसी वेकेशन पर जा रहे है और आप ये बात जानते है तो क्यों ना आप उन्हें ऑफर करे कि आप उनके प्लांट्स की देखभाल करेंगे या फिर उनकी मेल्स वगैरह रिसीव कर लेंगे?

 

  1. एड “गुड स्टफ” (Add “Good stuff”: ऐसी कई सारी चीजे है जो आप एड कर सकते है जो आपके प्रोडक्ट या सर्विस को डेफिनेटली एक वैल्यू देगी. जैसे एक्जाम्पल के लिए:

A) एन्जॉयमेंट Enjoyment.

B) एन्थूयाज्म Enthusiasm.

C) ह्यूमर Humor.

 

  1. रिमूव द बेड स्टफ आउट ऑफ़ द इक्वेशन (Remove the “Bad Stuff” out of the equation: कुछ ऐसी हैबिट्स है जो आपको फ्रेड बनने से रोकती है जैसे कि:

A) लोगो को वेट करवाना (Making people wait.

B) डीफेक्ट्स और मिस्टेक्स (Defects & mistakes.

C) फ्रस्ट्रेशन और डिसअपोइन्टमेंट Frustration & disappointment.

 

रीइन्वेंट योरसेल्फ रेगुलेरली (REINVENT YOURSELF REGULARLY): 

एस, ये सच है कि हर चेंज अच्छा नहीं होता, हाँ लेकिन हमेशा एक जैसा रहना भी कोई अच्छी बात नहीं है. फ्रेड्स इस मामले में आपसे अलग है क्योंकि वो जानते है कि हर दिन एक नया दिन लेकर आता है, उनके अंदर ये एबिलिटी है कि वो खुद को रीइन्वेंट कर सके. वो पास्ट के बारे में ज्यादा नहीं सोचते क्योंकि वो जानते है कि आज ये नया दिन है जिसमे न्यू चेलेंजेस और न्यू स्ट्रगल के साथ न्यू एक्स्पिरियेश भी है. याद रखो, जितना आप लर्न करते हो उतना ही आप शेयर करोगे. शोर्ट वर्ड्स में बोले तो जितनी इन्फोर्मेशन हासिल कर सकते हो करो. आपके पास खोने के लिए कुछ नहीं है बल्कि आपको इससे फायदा ही होगा!

 

व्हेयर इज़ फ्रेड टूडे (WHERE IS FRED TODAY?) आज फ्रेड कहाँ है? 

शायद आपके माइंड में भी ये सवाल होगा कि हमारी इस स्टोरी का हीरो यानी असली फ्रेड आज कहाँ है और क्या कर रहा है? वेल, फ्रेड डेन्वेर में अपनी मेल डिलीवरी की एक्सेप्शनल जॉब कर रहा है. और कुछ दिनों पहले यू.एस. पोस्टल सर्विस ने उसकी एक्स्ट्राओर्डीनेरी सर्विस को देखते हुए उसके लिए एक स्पेशल सेरेमनी ऑर्गेनाइज़ की और इस सेरेमनी को एक लोकल टीवी स्टेशन ने कवर किया था.

इस बुक को ख़रीदे (Buy this Book)-  PRINT  | KINDLE

 

CONCLUSION:

इस समरी में हमने देखा की एक्स्ट्रा मिल जाने से क्या होता है। क्या होता है जब हम अपने कस्टमर की केयर करते है। इस समरी में हमने 4 वेल्यएवल प्रिसिंपलस के बारे में भी देखा जो थे.

One:- बदलाव कोई भी ला सकता है.

Second:-सक्सेस रिलेशनशिप के बेस पर बिल्ट होती है,

Third:-आप दूसरो के लिए वैल्यू क्रिएट करते रहिये, इसका कोई पैसा नहीं लगता और Fourth- खुद को रेगुलरलि रेनवेन्ट करते रहो । आई होप इन प्रिसिपल को हम रियल लाइफ में अपनायेगें और एक कस्टमर का अपना परमानेन्ट कस्टमर बना पायेगें। बस याद रखियेगा सब जिनयन होना चाहिये।

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *