Agile Selling Book Summary in Hindi

Agile Selling

एक सेल्समैन की तरह कामयाब होने के लिए आपको बदलाव को अपनाना होगा।

हम हर दिन अपनी जिन्दगी को आसान बनाने के लिए कुछ प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। इन प्रोडक्ट्स को बेचने का काम सेल्समैन का होता है, जो हमें यह बताते हैं कि वो प्रोडक्ट किस तरह से हमारी जिन्दगी बेहतर बना सकता है। एक सेल्समैन का काम आसान नहीं होता और शायद यही वो काम है जिसमें एक इंसान को सबसे ज्यादा रिजेक्शन का सामना करना पड़ता है।

साथ ही एक सेल्समैन को बदलते हालातों के हिसाब से खुद को बदलना होता है, ताकि वे हर तरह के हालात में हर तरह के प्रोडक्ट को बेच सकें। यह करना आसान तो नहीं होता। लेकिन अगर आपके पास कुछ सही स्ट्रैटेजी और सही माइंडसेट है, तो आप समय के साथ एक बेहतर सेल्समैन बन सकते हैं। यह किताब आपको वो सही स्ट्रैटेजी और सही माइंडसेट देती है जिसका इस्तेमाल कर के आप सेल्स की दुनिया में कामयाब हो सकते हैं।

प्रोडक्ट चाहे कितना अच्छा भी क्यों ना हो, उसे बेचने के लिए एक सेल्समैन की जरूरत होती है। अगर आप एक सेल्समैन हैं, तो आपको अलग अलग तरह के प्रोडक्ट को अलग अलग लोगों को बेचना होगा। इसके लिए आपको खुद में हमेशा बदलाव करने की जरूरत होगी, क्योंकि आप हर किसी को एक प्रोडक्ट एक तरीके से नहीं बेच सकते।

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बेचने के तरीके समय के साथ बदल रहे हैं। ग्राहकों को आज यह बिल्कुल भी पसंद नहीं है कि कोई उन्हें एक सामान बेचे। वे अब यह समझने लगे हैं कि किस तरह से सेल्समैन उन्हें प्रोडक्ट बेचते हैं। इस वजह से जिन तरीकों का इस्तेमाल कर के आप उन्हें 10 साल पहले अपना सामान बेचा करते थे, उसका इस्तेमाल कर के उन्हें आज वो सामान बेच पाना संभव नहीं होगा।

ठीक इसी तरह से प्रोडक्ट में भी हर वक्त बदलाव आ रहा है। नए प्रोडक्ट को नए तरीके से बेचने की जरूरत होती है। आज के वक्त में ग्राहकों से झूठ बोलना उन्हें प्रोडक्ट बेचने का सबसे बेकार तरीका हो गया है। वे इंटरनेट से किसी भी प्रोडक्ट की खूबियां और खामियां खोजकर निकाल सकते हैं।

अपना प्रोडक्ट बेचने के लिए आपको सबसे पहले ग्राहकों की जगह खुद को रखकर देखना होगा कि उनकी जिन्दगी में क्या समस्या चल रही है। फिर कहीं जाकर आप उन्हें यह यकीन दिला पाएंगे कि वो प्रोडक्ट उनकी समस्या को किस तरह से सुलझा सकता है। आपको उन्हें यह बताना होगा कि वो प्रोडक्ट उनकी जिन्दगी में चल रही समस्या को सुलझाने के लिए सबसे अच्छा प्रोडक्ट क्यों है।

इस तरह के बदलने हालात में एक सेल्समैन की तरह कामयाब होने के लिए आपको खुद को फ्लेक्सिबल बनाना होगा। फ्लेक्सिबल बनने के लिए आपको एजाइल लर्निंग का सहारा लेना होगा। एजाइल लर्निंग का मतलब है हालात को देखते हुए अपनी जानकारी और स्किल का इस्तेमाल करना सीखना। इसमें आप बदलते हालातों को एक खतरे की तरह नहीं देखते, बल्कि आप उन्हें अपने स्किल्स को एक नए तरीके से एक नए हालात में इस्तेमाल करने के मौके की तरह देखते हैं। आने वाले सबक में हम यही करना सीखेंगे।

मोटिवेटेट रहने के लिए अपनी हार से सीखिए और नेगेटिविटी से दूर रहिए।

रिजेक्शन हर सेल्समैन के सफर का साथी होता है। हर किसी को इसका सामना करना पड़ता है और यह आपका मोटिवेशन छीन सकता है। इसलिए आपको इसे खुद पर हावी होने देने से रोकना होगा और एक पाजिटिव माइंडसेट को अपनाना होगा।

हारने या रिजेक्ट होने का डर हर किसी को पीछे खींच लेता है। हम नहीं चाहते हैं कि कोई हमें रिजेक्ट करे। इस वजह से हम कोशिश ही करना कम कर देते हैं। लेखिका को भी शुरुआत में यही समस्या हो रही थी। वे बार बार रिजेक्ट हो रही थीं, जिस वजह से उनका मोटिवेशन खत्म हो रहा था। लेकिन फिर लेखिका ने अपनी हार से सीखना शुरू किया। समय के साथ वे कंपनियों के साथ डील साइन करने लगीं।

उन्हीं की तरह आपको भी अपनी हार से सीखना चाहिए। अगर आप ज्यादा प्रोडक्ट नहीं बेच पा रहे, मतलब आप कुछ तो सही तरीके से नहीं कर रहे हैं। इससे आपको अपने तरीकों को बेहतर बनाने का मौका मिलेगा, जिससे आप समय के साथ बेहतर बन जाएंगे।

नाकाम होना आपको बहुत कुछ सिखा सकता है। बहुत बार आपकी जिन्दगी में आपके साथ कुछ ऐसा होगा जो कि आपसे हाथ लगे मौके को छीन लेगा। ऐसे में आपको यह देखना है कि आप ने क्या गलती कर दी जिस वजह से वो मौका आपके हाथ से निकल गया। अगर आप उसे एक नेगेटिव हालात की तरह देखेंगे, तो वो आपका हौसला कम कर देगा और आप कभी आप जहाँ हैं वहीं रह जाएंगे।

साथ ही आप खुद को प्रेरित रखने के लिए कुछ गोल्स सेट कर सकते हैं। बहुत से लोग हर महीने के लिए अपने गोल्स सेट करते हैं, जैसे – इस महीने मुझे 20 प्रोडक्ट्स बेचने हैं। लेकिन आप खुद को पहले से बेहतर बनाने की कोशिश कीजिए। खुद से यह कहिए कि – मैंने पिछले महीने सिर्फ 8 सेल्स किए थे। इस महीने मैं खुद को बेहतर बनाउंगा और 15 सेल्स करूँगा।

इसके बाद अगले महीने आप 25 सेल्स और फिर 30 सेल्स करने की कोशिश कीजिए। इससे आप खुद को बेहतर बनाने की और अपने बेचने के तरीकों को बेहतर बनाने की कोशिश भी करते रहेंगे।

सारी चीजों को याद रखने के लिए अपने दिमाग में अलग अलग फोल्डर बनाना शुरू कीजिए। एक सेल्समैन को तेज दिमाग की जरूरत पड़ती है। उसे अपने अलग अलग ग्राहकों के नाम और एड्रेस याद रखना पड़ता है और साथ ही उसे अपने प्रोडक्ट से संबंधित बहुत सी जानकारियाँ भी याद रखनी पड़ती हैं। सिर्फ यही नहीं, बदलते हालात में उसे कुछ नई चीजों को याद करने की जरूरत भी पड़ सकती है, जैसे नए प्रोडक्ट्स के फीचर्स और उनकी कीमत। अगर वो एक इंडस्ट्री को छोड़कर दूसरी इंडस्ट्री में काम करने जाता है, तो उसे बहुत सी नई चीजें याद रखनी पड़ती हैं।

इन सभी चीजों को याद रखने के लिए आप अपने दिमाग में “मेंटल फोल्डर्स” बना कर रखने की कोशिश कीजिए। जिस तरह से आप अपने कंप्यूटर पर अलग अलग फाइल्स को स्टोर करने के लिए फोल्डर्स बनाते हैं, उसी तरह से अपने दिमाग में ज्यादा जानकारी रखने के लिए आप मेंटल फोल्डर्स का इस्तेमाल कीजिए।

एक्साम्पल के लिए आप अपने दिमाग में एड्रेस के हिसाब से अलग अलग फोल्डर बना सकते हैं और उस एड्रेस पर रहने वाले सारे क्लाइंट्स के नाम उस फोल्डर में रख सकते हैं। आप प्रोडक्ट के नाम से एक दूसरा फोल्डर बना सकते हैं और प्रोडक्ट से संबंधित सारी जानकारी उसमें रख सकते हैं।

इसके अलावा आप नई जानकारी को पुरानी जानकारी से कनेक्ट कर के उसे याद कर सकते हैं। एक्साम्पल के लिए एक नए क्लाइंट का नाम उसके एड्रेस पर रहने वाले किसी दूसरे क्लाइंट के नाम से जोड़कर आप उसे याद रख सकते हैं।

साथ ही हो सके तो हमेशा खुद को अपने क्लाइंट की जगह पर रखने की कोशिश कीजिए। खुद से पूछिए कि वो लोग इस समय क्या सोच रहे होंगे। इसके बाद उनके सवालों का जवाब उनके पूछने से पहले दे दीजिए। इस तरह से आपको उनकी जरूरतों को याद रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप उनसे बात करते वक्त ही इन्हें खोज निकालेंगे।

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किसी नए हालात में खुद को ढालने के लिए छोटे छोटे कदम उठाइए।

अगर आप ने जल्दी में ही अपनी इंडस्ट्री बदली है, तो इस नए हालात में खुद को ढालने में आपको कुछ समय लग सकता है। रिसर्च का यह कहना है कि किसी अनुभवी सेल्समैन को भी एक नए हालात में अच्छे से पर्फार्म कर पाने के लिए कम से कम 8 महीने का समय लगता है। जब आप कोई नया काम शुरू करें, तो उसमें जल्दी से जल्दी एक छोटी सी जीत हासिल करने की कोशिश कीजिए। किसी नए काम की शुरूआत में ही नाकाम होने से आपका हौसला टूट जाएगा। आप खुद को कमजोर समझने लगेंगे और जल्द ही निराश होकर उस काम को छोड़ देंगे।

इसलिए उस नए काम में की शुरुआत में हौसला बनाए रखने के लिए आप कुछ छोटे गोल्स सेट कर के उन्हें हासिल करने की कोशिश कीजिए। इसके लिए आपको सबसे पहले यह जानना होगा कि यहाँ पर सबसे जरूरी चीज़ कौन सी है। इसके बाद आपको उस सबसे जरूरी चीज़ पर सबसे ज्यादा ध्यान देना होगा।

किसी भी नए सेल्समैन को इन तीन चीजों के बारे में सबसे पहले जानना चाहिए

अंदर की भाषा – हर इंडस्ट्री में कुछ ऐसे शब्द इस्तेमाल किए जाते हैं जिसका मतलब सिर्फ उस इंडस्ट्री में काम करने वाले लोग ही जानते हैं। सबसे पहले आप वहां के लोगों को बात करते हुए सुनिए और जब भी आपको एक नया शब्द सुनने को मिले, उसे नोट कर लीजिए और उसका मतलब जानने की कोशिश कीजिए।

आपके ग्राहक – अब आपको यह पता करना होगा कि आपके प्रोडक्ट को खरीदने के लिए पैसे कौन दे रहा है। यह पता कीजिए कि किसे खुश रखना इस कंपनी के लिए सबसे जरूरी है।

लोगों के हालात – एक बार आपको अपने ग्राहकों के बारे में पता लग जाए, तो आप यह पता कीजिए कि आपका प्रोडक्ट उनकी जिन्दगी किस तरह से बेहतर बनाता है। प्रोडक्ट ना इस्तेमाल करने से पहले ग्राहकों की जिन्दगी कैसी होती है? उसे इस्तेमाल करने से उनकी कौन सी समस्या सुलझ रही है? आप यह पता कीजिए कि आपके प्रोडक्ट की क्या खास बात है।

शुरुआत में आपको इन बातों को सीखने पर ध्यान देना चाहिए। समय के साथ आपको और भी बहुत कुछ सीखना होगा, लेकिन सबसे पहले खुद को काम को बोझ तले दबने से बचाने के लिए आप इन्हीं तीन चीजों से शुरुआत कीजिए।

कामयाब सेल्समैन किसी भी मीटिंग से पहले अच्छी तैयारियाँ करते हैं। भले ही आपके पास सालों का अनुभव हो, लेकिन अगर आप सही से रिसर्च नहीं करेंगे, तो आप अपने प्रोडक्ट को अच्छे से बेच नहीं पाएंगे। हर एक मीटिंग की अपनी जरूरतें होती हैं और आप उसे पूरा करना अनुभव के बस की बात नहीं होती।

एक्साम्पल के लिए लेखिका को ही ले लीजिए जो कि एक बार एक बड़े फर्म से एक मीटिंग करने गईं थीं। उन्होंने इसके लिए अच्छे से तैयारी नहीं की थी। जब उन्होंने मीटिंग की प्रैक्टिस अपने साथ काम करने वाले एक दोस्त के साथ की, तो वे मामूली से सवालों के जवाब भी नहीं दे पाईं। तब जाकर उन्हें पता लगा कि वे मीटिंग के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थीं। उन्होंने फिर अच्छे से तैयारी की।

इस घटना से सबक लेकर उन्होंने आगे से हर मीटिंग के लिए तैयारी करना शुरू किया। उन्हें यह पता लग गया कि भले ही आप कितने भी होशियार क्यों ना हों, अगर आप अपने क्लाइंट्स को यह नहीं समझा सकते कि आपका प्रोडक्ट उनकी समस्या को किस तरह से सुलझाएगा, तो आप उन्हें कभी वो सामान नहीं बेच पाएंगे।

कुछ तरीकों का इस्तेमाल कर के आप खुद को मीटिंग्स के लिए तैयार कर सकते हैं।

सबसे पहले अपने किसी दोस्त के साथ मीटिंग की प्रैक्टिस कीजिए। उसे अपना क्लाइंट बना दीजिए और उसके पूछे गए सवालों का जवाब दीजिए।

आप जिस भी प्रोडक्ट को बेचने जा रहे हैं, यह पता कीजिए कि उस प्रोडक्ट को आप से पहले एक एकसपर्ट ने कैसे बेचा था। हो सके तो उस उससे बात कीजिए जो उस प्रोडक्ट को बेचने में एक्पर्ट हो।

यह सोचिए कि मीटिंग में किस जगह पर आप से गलती हो सकती है। यह सोचिए कि अगर कहीं पर बात बिगड़ जाती है, तो आप किस तरह से हालात को संभालेंगे। हर बुरे हालात के लिए खुद को तैयार कीजिए।

बेचने का मतलब अपने क्लाइंट की समस्या को समझना है, ना कि उन्हें प्रोडक्ट के फायदों के बारे में बताना।

बहुत से सेल्समैन एक क्लाइंट से मिलते ही उसे यह बताने लगते हैं कि उनका प्रोडक्ट कितना अच्छा है और वो उनकी जिन्दगी किस तरह से अच्छी बना सकता है। वे एक स्क्रिप्ट रटकर आए रहते हैं और बस शुरू हो जाते हैं। इस वजह से बहुत से ग्राहक सेल्समैन को देखते ही अपना रास्ता बदल देते हैं।

आपको इस तरह से काम नहीं करना है। हर ग्राहक अलग होता है और उनकी जरूरतें अलग होती हैं। इसलिए आपको उनके हिसाब से यह तय करना होगा कि आपको उनसे क्या बात करनी है। आपको सबसे पहले यह पता होना चाहिए कि उनकी जरूरत क्या है, उन्हें क्या चाहिए और आपका प्रोडक्ट उनके लिए क्या कर सकता है। इसके लिए आपको उनसे कुछ ऐसे सवाल पूछने हैं जिससे आप उनकी जरूरतों को अच्छे से समझ पाएं और यह जान पाएं कि किस वजह से वे आपका प्रोडक्ट नहीं खरीद रहे हैं।

एक्साम्पल के लिए आप उनसे यह पूछ सकते हैं – वे इस समय अपनी समस्या को सुलझाने के लिए जिस प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं, क्या वो उससे संतुष्ट हैं? अगर वे उसे इस्तेमाल करते रहेंगे, तो क्या वे खुश रहेंगे? वो कौन सी चीज़ है जो उन्हें उस चीज़ को छोड़कर आपके प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने से रोक रही है?

इस तरह से आप अपने क्लाइंट को यह समझा पाएंगे कि आपका प्रोडक्ट उनकी समस्याओं को कैसे सुलझा सकता है। प्रोडक्ट बेचने के लिए आपको उन्हें यह एहसास दिलाना होगा कि उन्हें इसकी जरूरत है। सिर्फ प्रोडक्ट की खासियत बताने से वे आपका प्रोडक्ट नहीं खरीदेंगे।

साथ ही आप उनकी बाडी लैंग्वेज पर भी ध्यान दीजिए। आपको उनके बैठने के तरीके से यह पता लग जाएगा कि वे क्या सोच रहे हैं। अगर वे बार बार अपनी घड़ी देख रहे हैं, तो समझ जाइए उन्हें देर हो रही है और वे आपकी बात को अच्छे से नहीं सुन रहे। अगर वे अपनी आँखों को आधा बंद करके बैठे हैं, तो समझ जाइए वे बोर हो रहे हैं। यह सारे क्लू आपको अपनी बातचीत का रुख मोड़ने में मदद करेंगे।

खुद को बेहतर सेल्समैन बनाने के लिए मेहनत करते रहिए और अपनी गंदी आदतों से छुटकारा पाने की कोशिश कीजिए। आपके पास दुनिया भर की सेल्स स्ट्रैटेजी हो सकती है, लेकिन अगर आप उसे प्रैक्टिस नहीं करेंगे, तो वो किसी काम की नहीं रह जाएगी। इसलिए आपको खुद को बेहतर सेल्समैन बनाने के लिए हर रोज काम करते रहना चाहिए।

इसके लिए आपको पाजिटिव सोचना होगा और मोटिवेटेड रहना होगा। अपने एटिट्यूड को अच्छा रखिए और सिर्फ प्रोडक्ट बेचकर पैसा कमाने के बारे में नहीं, बल्कि अपने ग्राहकों की जिन्दगी बेहतर बनाने पर ध्यान दीजिए।

जब आप सिर्फ अपने फायदे के लिए काम करते हैं, तब आप सिर्फ फायदा मिलने पर ही मोटिवेटेड रह पाते हैं। सेल्स के काम में यह जरूरी नहीं है कि आप हर हफ्ते रिकॉर्ड तोड़ें। खराब वक्त में सिर्फ अपना फायदा देखने वाले लोग जल्दी हार मान लेते हैं, क्योंकि उस समय उन्हें कुछ फायदा नहीं मिल रहा होता। लेकिन अगर आप यह सोचेंगे कि आपके काम से बहुत से लोगों की जिन्दगी बेहतर बन सकती है, तो आप मुश्किल वक्त में भी अच्छा पर्फार्म करने की कोशिश करते रहेंगे।

मुश्किलों को एक खेल की तरह देखिए। हर वक्त खुद को छोटी छोटी चुनौतियां देते रहिए। एक्साम्पल के लिए, आप खुद से कह सकते हैं – मैं 2 घंटे के अंदर 15 लोगों को फोन लगाउंगा।

साथ ही अपनी गंदी आदतों से भी छुटकारा पाने की कोशिश कीजिए, क्योंकि लम्बे समय में वे आपका बहुत नुकसान कर सकती हैं।

हर आदत तीन स्टेप्स में पूरी होती है। सबसे पहले एक आदत का एक क्यू होता है, तो आपको याद दिलाता है कि आपको वो काम करना है। फिर दूसरे स्टेप में आप उस काम को करते हैं। तीसरे स्टेप में आपको एक रिवार्ड मिलता है, जिसे पाने के लिए आपका फिर से वो काम करने का मन करता है।

एक आदत को बदलने के लिए क्यू को हटा दीजिए, ताकि आपको याद ही ना आए कि आपको वो काम करना है। या फिर उसी रिवार्ड को पाने के लिए कोई दूसरा अच्छा काम करना शुरू कर दीजिए।

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कुल मिलाकर

एक अच्छा सेल्समैन बनने के लिए आपको नए हालात में खुद को ढालना आना चाहिए। हालात, प्रोडक्ट और ग्राहक, तीनों ही बहुत तेजी से बदल रहे हैं और ऐसे में आपको हर वक्त बहुत सी नई चीजों को याद करने की जरूरत पड़ सकती है। छोटे छोटे कदम लेकर आगे बढ़ना सीखिए और छोटे गोल्स को पूरा कर के अपना हौसला मजबूत बनाए रखिए। साथ ही हर मीटिंग में जाने से पहले अच्छे से तैयारी कीजिए और अपने ग्राहकों की जरूरतों को समझते हुए यह बताइए कि आपका प्रोडक्ट उनकी जिन्दगी को किस तरह से बेहतर बना सकता है।

अगर आपको किसी मीटिंग से पहले डर लग रहा है, तो अपने पोज़ को सुधारिए।

अगर आपका आत्मविश्वास कम है, तो कोई ऐसा गाना गाइए जिससे आपको राहत मिले। या फिर आप कुछ इस तरह से बैठने की कोशिश कीजिए जिससे आप आराम महसूस करें। ज्यादा से ज्यादा जगह लेकर और अपने हाथ पैर को फैला कर कर बैठने की कोशिश कीजिए। इससे आपका शरीर अलग अलग तरह के हार्मोन पैदा करेगा और आपका आत्मविश्वास कुछ ही समय में लौट आएगा।

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